डीएनए हिंदी: सौम्या चौरसिया (Saumya Chaurasia) छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव हैं. उनका जलवा ऐसा है कि छत्तीसगढ़ में उन्हें 'सुपर सीएम' कहा जाता है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अवैध वसूली और जमीन से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार कर लिया है. इस गिरफ्तारी को सीएम भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने राजनीति से प्रेरित बताया है. छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह की सरकार में अमन सिंह को भी इसी तरह काफी ताकतवर व्यक्ति माना जाता था. अमन सिंह की तरह ही दबदबा रखने वाली सौम्या चौरसिया को छत्तीसगढ़ की 'लेडी अमन सिंह' भी कहा जाता है.
भूपेश बघेल ने 17 दिसंबर 2018 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. तीसरे ही दिन सीएम ऑफिस में सौम्या चौरसिया को उप सचिव बना दिया गया. कहा जाता है कि साल 2011 से 2016 तक सौम्या चौरसिया भूपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र पाटन और उनके गृह जिले दुर्ग में तैनात थीं. भूपेश बघेल उनके काम से इस कदर प्रभावित थे कि कई सीनियर अधिकारियों की अनदेखी करते हुए सौम्या चौरसिया को इतना बड़ा पद दे दिया.
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CMO में चलता है सौम्या चौरसिया का सिक्का
सूत्रों के मुताबिक, अब सौम्या चौरसिया का दबदबा इतना है कि सीएम ऑफिस में उनकी मर्जी के बिना एक फाइल नहीं हिल सकती. कहा जाता है कि वह आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से लेकर नेताओं तक को आदेश दे देती हैं. मुख्यमंत्री से करीबी के चलते कोई उनके खिलाफ कुछ बोल भी नहीं सकता. यही वजह थी कि जब सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी हुई तो सोशल मीडिया पर 'सुपर_सीएम_गिरफ्तार' ट्रेंड करने लगा था.
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सौम्या चौरसिया के वकील फ़ैसल रिज़वी ने इस गिरफ्तारी के बारे में कहा है कि ईडी ने कुल 9 बार पूछताछ की. फै़सल ने कहा कि सौम्या को राजनीतिक कारणों से निशाने पर लिया गया है. उनके खिलाफ लगाए गए वसूली और जमीन के घोटालों के आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं. उन्होंने यह भी कहा कि भानुप्रतापपुर उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी पर लगे रेप के आरोप से ध्यान हटाने के लिए सौम्या की गिरफ्तारी हुई है.
कौन हैं सौम्या चौरसिया?
सौम्या चौरसिया ने साल 2008 में राज्य प्रशासनिक सेवा यानी छत्तीसगढ़ पीसीएस की परीक्षा पास की की. ट्रेनिंग के बाद साल 2011 तक वह पेंड्रा और बिलासपुर में एसडीएम के पद पर तैनात थीं. 2011 में वह दुर्ग जिले में पहुंचीं और वहां भिलाई और पाटन की एसडीएम रहीं. यही जिला भूपेश बघेल का भी गृह जिला है. साल 2016 में वह भिलाई चरौदा नगर निगम की पहली कमिश्नर बनीं. उसी साल रायपुर नगर निगम में अपर आयुक्त बन गईं. 2018 में सीएमओ में तैनाती से पहले वह इसी पद पर थीं.
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साल 2020 में आयकर विभाग ने छत्तीसगढ़ के कई ठिकानों पर छापेमारी की. सौम्या चौरसिया के घर पर भी छापेमारी हुई. बीजेपी ने आरोप लगाए कि सौम्या चौरसिया के ज़रिए कांग्रेस सरकार कोयला, रेत और आयरन के खनन के अलाला शराब की बिक्री में भी कमीशन की वसूली कर रही है. छापेमारी में मिले कागजों के आधार पर ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी. इसी एफआईआर के आधार पर अब सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया गया है.
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