Chandrashekhar Guruji कौन थे? 50 बार चाकू घोंपकर क्यों ले ली गई जान?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 06, 2022, 11:14 AM IST

वास्तु शास्त्र के विशेषज्ञ थे चंद्रशेखर गुरुजी

Chandrashekhar Guruji Murder: वास्तु शास्त्र के जानकार चंद्रशेखर गुरुजी को दिन-दहाड़े चाकुओं से गोदकर उनकी जान ले ली गई. हत्यारों ने पहले उनके पैर छुए फिर चाकुओं से हमला कर दिया.

डीएनए हिंदी: चंद्रशेखर गुरुजी (Chandrashekhar Guruji) को सरल वास्तु शास्त्र बताने और समझाने वाले के तौर पर जाना जाता था. मंगलवार को कर्नाटक के हुबली के पास उनकाल के एक होटल में उनकी हत्या कर दी गई. उनकी हत्या का वीडियो भी वायरल हो गया है. वीडियो में देखा जा सकता है कि चंद्रशेखर होटल की लॉबी में बैठे थे तभी दो लोग आए और पैर छूने के बाद चाकुओं से ताबड़तोड़ हमले कर दिए. इसी हमले में चंद्रशेखर की जान चली गई. पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, चंद्रशेखर पर चाकुओं से कम से कम 50 हमले किए गए हैं.

वीडियो में देखा जा सकता है कि दो लोग चंद्रशेखर गुरुजी के पास आते हैं और एक उनके पैर छूकर ध्यान भटकाता है. इतने में दूसरा शख्स चाकुओं से हमला कर देता है. फिर दोनों लोग उनपर चाकू बरसाने लगते हैं. खुद को बचाने की कोशिश में चंद्रशेखर हाथ-पैर चलाते हैं लेकिन उनकी सारी कोशिशें नाकाम हो जाती है. पुलिस ने बताया है कि इस हत्या में शामिल दोनों ही लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस के मुताबिक, हत्यारों में एक शख्स चंद्रशेखर के यहां काम करता था. दूसरा शख्स उनके यहां काम करने वाली एक महिला का पति है. 

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कौन थे चंद्रशेखर गुरुजी?
चंद्रशेखर गुरुजी बहुत मशहूर वास्तु विशेषज्ञ थे. कर्नाटक में टीवी पर वास्तु बताने की वजह से वह राज्य के काफी लोकप्रिय चेहरे थे. राज्य के बागलकोट के रहने वाले चंद्रशेखर ने अपने करियर की शुरुआत एक कॉन्ट्रैक्टर के तौर पर की थी और बाद में उन्हें मुंबई में नौकरी मिल गई. बाद में उन्होंने वास्तु से जुड़े कारोबार की शुरुआत की और उन्हें इस क्षेत्र में कामयाबी भी मिली. हाल ही में वह अपने परिवार से जुड़े किसी कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे.

चंद्रशेखर गुरुजी की हत्या के मामले में पुलिस ने मंजुना दुम्मावड़ा और महंतेश शिरूर को गिरफ्तार किया है. ये दोनों आरोपी धारवाड़ जिले के कालाघटगी के रहने वाले हैं. मंजुनाथ पहले चंद्रशेखर के साथ काम करता था वहीं महंतेश की पत्नी भी चंद्रशेखर के लिए काम करती थी. बताया गया कि इन दोनों को तब गिरफ्तार किया गया जब ये दोनों महाराष्ट्र से फरार होने की कोशिश कर रहे थे.

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प्रॉपर्टी विवाद में चली गई जान?
पुलिस सूत्रों ने बताया कि चंद्रशेखर गुरुजी ने वनजाक्षी के नाम पर कुछ प्रॉपर्टी खरीदी थी. उन्होंने वनजाक्षी से वादा लिया था कि वह यह जमीन वापस कर देंगी लेकिन बाद में वह अपने वादे से मुकर गईं. चंद्रशेखर इस मामले में वनजाक्षी को मना ही रहे थे कि उनकी हत्या कर दी गई.

हालांकि, अभी इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि उनकी हत्या की असली वजह यही है या नहीं. पुलिस अलग-अलग एंगल से मामले की जांच कर रही है. चंद्रशेखर गुरुजी की हत्या के बाद कर्नाटक के बसवराज बोम्मई और गृहमंत्री अरग जैनेंद्र समेत कई मंत्रियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है.

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