Hardeep Singh Nijjar: कौन था हरदीप सिंह निज्जर जिसकी हत्या के मामले में भिड़े भारत और कनाडा

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 19, 2023, 09:18 AM IST

Hardeep Singh Nijjar की पिछले साल हत्या कर दी गई थी. (File Photo)

Hardeep Singh Nijjar: खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत और कनाडा के बीच आरोप और प्रत्यारोप शुरू हो गया है.

डीएनए हिंदी: खालिस्तानी अतिवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का मामला अब भारत और कनाडा के संबंधों पर आंच डाल रहा है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में बयान देते हुए भारत पर आरोप लगाए हैं और कहा है कि इस बारे में जांच की जा रही है कि निज्जर की हत्या में भारत की भूमिका है या नहीं. भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए सख्त प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि यह खालिस्तानी अतिवाद से ध्यान भटकाने की कोशिश भर है. कनाडा से भारतीय राजनयिक को निकाले जाने की वजह से यह मामला और पेचीदा हो गया है.

खालिस्तानी गतिविधियों के लिए चर्चित संगठन सिख फॉर जस्टिस से जुड़े हरदीप सिंह निज्जर को इसी साल कनाडा के सरे में गोली मार दी गई थी. 18 जून को हुई इसी हत्या को लेकर कनाडा का कहना है कि इसमें भारत सरकार की भूमिका के संभावित सबूत मिले हैं. पंजाब में तमाम आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के बाद फरार हुए हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में ही अब भारत और कनाडा आमने-सामने हैं. आइए जानते हैं कि आखिर यह शख्स था कौन?

कनाडा में सक्रिय हैं खालिस्तानी अतिवादी
पिछले 3 साल में ISI की सरपरस्ती में कनाडा में भारत के खिलाफ जहरीला ट्राइएंगल पनप रहा था. इसमें हरदीप सिंह निज्जर, गुरवंत सिंह पन्नू और अर्श डल्ला शामिल थे. साल 2018 में भारत से कनाडा भागे गैंगस्टर अर्श डल्ला के संपर्क में आया हरदीप सिंह निज्जर खालिस्तानी गतिविधियों में शामिल था. साल 2020 तक दोनों एक-दूसरे के काफी करीब आ चुके थे और उनकी पैरवी करने लगा था गुरपतवंत सिंह पन्नू.

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पंजाब में फिरौती की घटनाओं को अंजाम देना, खालिस्तानी अलगाववाद की आग भड़काना, टारगेट किलिंग करना और ड्रग्स का रैकेट ऑपरेट करना इस ट्राइएंगल का अहम हिस्सा था. भारत ने पिथले तीन-चार सालों से लगातार कनाडा सरकार को इस बारे में अपनी चिंताएं बताई हैं. भारत ने कूटनीतिक स्तर पर भी इसे सूचित भी किया लेकिन कनाडा सरकार की ओर से न तो निज्जर ना तो अर्श डल्ला और ना ही पन्नू पर कोई कार्रवाई की गई.

हरदीप सिंह निज्जर कौन था?
पंजाब के जालंधर जिले के भरसिंह पुरा गांव का रहने वाला हरदीप सिंह निज्जर पेशे से प्लंबर था. पंजाब में प्लंबिग का काम करने के बाद साल 1996 में ही वह कनाडा चला गया था. आरोप हैं कि कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों में शामिल होने के चलते उसकी संपत्ति में जोरदार बढ़ोतरी हुई. वह देखते ही देखते सिख फॉर जस्टिस से जुड़ा और गुरवंत सिंह पन्नू के बाद इस संगठन में नंबर दो की पोजीशन हासिल कर ली. ब्रिटिश कोलंबिया के सरे शहर में उसे गुरुनानक गुरुद्वारा का प्रमुख चुना गया. धीरे-धीरे वह कनाडा में ही बड़े सिख नेता के तौर पर उभर रहा था.

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आरोप हैं कि पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई के इशारे पर उसने कनाडा में कई हिंदू मंदिरों पर हमले करवाए. आगे चलकर उसने अपना खुद का संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स यानी केटीएफ बना लिया. भारत में खालिस्तानी आंदोलन की आग भड़काने, युवाओं को ट्रेनिंग देने और इन सबकी फंडिंग से जुड़े लगभग 10 केस उसके खिलाफ भारत में दर्ज हैं. कुछ हत्याओं के मामलों में भी वह आरोपी है.

तमाम केस में फरार होने के चलते भारतीय एजेंसी NIA ने उसे भगोड़ा घोषित किया था. इसी साल 18 जून को सरे में ही गुरुनानक गुरुद्वारा के पास बाइक पर आए दो अज्ञात हमलावरों ने निज्जर को गोली मार दी. इस हमले में निज्जर की मौत हो गई.

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