UP-बिहार के उपचुनाव में जनता किसके साथ? 13 राज्यों की 46 विधानसभा सीटों का कौन बनेगा सरताज?

Written By मीना प्रजापति | Updated: Nov 22, 2024, 11:51 PM IST

शनिवार का दिन कई राज्यों के लिए खास होने वाला है. दरअसल, शनिवार को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव परिणामों के साथ ही देश के 13 राज्यों में 46 विधानसभा सीटों के साथ महाराष्ट्र के नांदेड़ और केरल के वायनाड में हुए उपचुनावों के परिणामों पर भी लोगों की नजर है.

By-Election Results: शनिवार का दिन कई राज्यों के लिए खास होने वाला है. दरअसल, शनिवार को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव परिणामों के साथ ही देश के 13 राज्यों में 46 विधानसभा सीटों के साथ महाराष्ट्र के नांदेड़ और केरल के वायनाड में हुए उपचुनावों के परिणामों पर भी लोगों की नजर है.  चुनाव आयोग के मुताबिक, शनिवार सुबह 8 बजे से सभी सीटों पर मतगणना शुरू होगी. कल का दिन राजनीतिक पार्टियों के लिए खास है. कल तय हो जाएगा कि किसके सिर ताज सजने वाला है. जनता ने किसका साथ दिया है. तो आइए सिलसिलेवार तरीके से जानते हैं. 

किन-किन राज्यों में हुए उपचुनाव
बता दें, लोकसभा चुनाव 2024 के बाद देशभर में हुए उपचुनाव के नतीजों पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. इस बार उत्तर प्रदेश में 9 सीटों पर, राजस्थान में 7, पश्चिम बंगाल में 6, असम में 5, पंजाब और बिहार में 4-4, कर्नाटक में 3, मध्य प्रदेश और केरल में 2-2, जबकि छत्तीसगढ़, गुजरात, उत्तराखंड और मेघालय में 1-1 विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए हैं.  इसके अलावा महाराष्ट्र की नांदेड़ और केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर भी उपचुनाव हुए थे.

किस राज्य में कब हुए उपचुनाव

UP की 9 सीटों पर सीधी टक्कर
उत्तर प्रदेश के मीरापुर, कुंदरकी, सीसामऊ, कटेहरी, फूलपुर, मझवां, गाजियाबाद, करहल और खैर सीट पर 20 नवंबर को उपचुनाव हुए थे. ये उपचुनाव सीएम योगी और अखिलेश यादव के लिए प्रतिष्ठा का सवाल हो गए हैं क्योंकि अक्सर देखा गया है कि उपचुनाव का सीधा असर विधानसभा चुनावों पर दिखता है. यही कारण रहा कि भाजपा और समाजवादी पार्टी ने उपचुनावों में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. लोकसभा चुनाव के बाद सीएम योगी और अखिलेश यादव के बीच उपचुनावों को लेकर सीधी टक्कर के तौर पर देखा जा रहा है. 

राजस्थान  
राजस्थान में सात विधानसभा सीटे हैं. यहां सात विधानसभा उपचुनावों में डाले गए मतों की गिनती के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है. एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. रेगिस्तानी राज्य में झुंझुनू, रामगढ़, दौसा, देवली-उनियारा, खींवसर, सलूंबर और चौरासी सीट पर 13 नवंबर को उपचुनाव हुए थे.

केरल का वायनाड
केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि यहां कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी इस सीट से सियासी डेब्यू कर रही हैं. ऐसे में यह सीट भी कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई है.

छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में रायपुर शहर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव के लिए भी वोटों की गिनती की जाएगी. यहां 13 नवंबर को मतदान हुआ था. इस सीट पर भाजपा के विधायक और राज्य के पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने रायपुर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद इस्तीफा दे दिया था. 

पंजाब
पंजाब में गिद्दरबाहा, डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल (अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित) और बरनाला विधानसभा सीट पर बुधवार को उपचुनाव हुए. मौजूदा विधायकों के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद उपचुनाव जरूरी हो गए थे. पंजाब में यह मुकाबला सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और मुख्यमंत्री भगवंत मान के लिए अग्निपरीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है, जिनकी सरकार ने अपने कार्यकाल के ढाई साल पूरे कर लिए हैं. कांग्रेस और भाजपा दो अन्य मुख्य दावेदार हैं. 

उत्तराखंड
उत्तराखंड में केदारनाथ विधानसभा सीट पर भी 20 नवंबर को उपचुनाव हुए थे. रुद्रप्रयाग जिले की यह विधानसभा सीट जुलाई में भाजपा विधायक शैला रानी रावत के निधन के बाद खाली हुई थी. असम में ढोलाई, सिडली, बोंगाईगांव, बेहाली और सामागुरी विधानसभा क्षेत्रों, बिहार में तरारी, रामगढ़, इमामगंज और बेलागंज, गुजरात में वाव, मध्य प्रदेश में विजयपुर और बुधनी और मेघालय में गमबेग्रे में भी उपचुनाव हुए. 

इन राज्यों में भी हुए उपचुनाव
पश्चिम बंगाल में सिताई, मदारीहाट, नैहाटी, हरोआ, मेदिनीपुर और तालडांगरा विधानसभा क्षेत्रों में 13 नवंबर को उपचुनाव हुए थे. इनमें से पांच निर्वाचन क्षेत्र दक्षिण बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के गढ़ में हैं, जबकि मदारीहाट राज्य के उत्तरी हिस्से में भाजपा का गढ़ बना हुआ है. माकपा नीत वाम मोर्चा और कांग्रेस ने 2021 के बाद पहली बार अलग-अलग उपचुनाव लड़ा. कर्नाटक में 13 नवंबर को संदूर, शिग्गांव और चन्नपटना विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनावों में सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा-जद(एस) गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला. कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार दोनों के लिए समर्थन के रूप में देखा जाएगा, जबकि भाजपा के ठोस प्रदर्शन का मतलब होगा कि पार्टी संगठन के भीतर उसके प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र के आलोचकों का मुंह बंद हो जाएगा.


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जद(सेक्युलर) नेता एचडी कुमारस्वामी के लिए यह उपचुनाव प्रतिष्ठा की लड़ाई होगी क्योंकि उनके बेटे निखिल पिछले चुनाव में हार का सामना करने के बाद एक बार फिर से चन्नपटना सीट पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.  उत्तराखंड में केदारनाथ विधानसभा सीट पर भी 20 नवंबर को उपचुनाव हुए थे. रुद्रप्रयाग जिले की यह विधानसभा सीट जुलाई में भाजपा विधायक शैला रानी रावत के निधन के बाद खाली हुई थी. असम में ढोलाई, सिडली, बोंगाईगांव, बेहाली और सामागुरी विधानसभा क्षेत्रों, बिहार में तरारी, रामगढ़, इमामगंज और बेलागंज, गुजरात में वाव, मध्य प्रदेश में विजयपुर और बुधनी और मेघालय में गमबेग्रे में भी उपचुनाव हुए.

Agency Input

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