Arvind Kejriwal ने एक कार्यकाल में तीसरी बार क्यों पेश किया विश्वास प्रस्ताव? खुद बताई वजह

नीलेश मिश्र | Updated:Feb 16, 2024, 05:21 PM IST

Arvind Kejriwal

Delhi Government Confidence Motion: दिल्ली सरकार ने पांच साल के कार्यकाल में तीसरी बार विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार विधानसभा में अपनी सरकार का विश्वास मत पेश किया है. इसी कार्यकाल में उनकी सरकार तीसरी बार विश्वास मत लेकर आई है. दिल्ली में प्रचंड बहुमत की सरकार चला रहे अरविंद केजरीवाल ने विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर आरोप लगाए थे कि वह उनकी आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है. इसी मामले में दिल्ली पुलिस ने उनसे पूछा था कि वह बताएं कि किस विधायक को धमकी दी गई और किसे लालच दिया गया था. इसको लेकर भी बीजेपी और AAP के बीच खूब बयानबाजी हुई.

अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए कहा, "हम देख रहे हैं कि ये लोग अन्य प्रदेशों में पार्टियां तोड़ रहे हैं, सरकारें गिरा रहे हैं. इनका मकसद दिल्ली के अंदर लोगों को गिरफ्तार करके सरकार गिराना है. इनको पता है कि ये अपनी पूरी जिंदगी में सरकार नहीं जीत सकते तो येन केन प्रकारेण यहां सरकार बनाना चाहते हैं. हमारे पर ऊपर वाले की कृपा और दया है कि इनका ये प्रयास सफल नहीं रहा."


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क्यों लाए विश्वास प्रस्ताव?
उन्होंने आगे कहा, 'यह देखने के लिए और जनता को दिखाने के लिए कि हमारा एक भी एमएलए नहीं टूटा, अध्यक्ष महोदय मैं आपकी अनुमति से प्रस्ताव पेश करता हूं यह सदन मंत्रिपरिषद में विश्वास व्यक्त करता हूं.' इसके बाद स्पीकर राम निवास गोयल ने बताया कि इस प्रस्ताव पर शनिवार को सुबह 11 बजे से दिल्ली की विधानसभा में चर्चा होगी.

इससे पहले अगस्त 2022 और मार्च 2023 में भी अरविंद केजरीवाल की सरकार ने विश्वास प्रस्ताव पेश किया है और हर बार विजयी हुई है. बता दें कि दिल्ली की विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 70 है जिसमें से आम आदमी पार्टी ने 2020 के चुनाव में कुल 62 सीटों पर जीत हासिल की थी और बीजेपी सिर्फ 8 सीटें जीत पाई थी.


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हाल ही में अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाए थे कि बीजेपी ने उनके 21 विधायकों को तोड़ने की कोशिश की और उन्हें 25-25 करोड़ रुपये देने का ऑफर दिया. केजरीवाल ने यह भी कहा था कि उनकी पार्टी के सभी विधायकों ने बीजेपी का यह ऑफर लेने से इनकार कर दिया.

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