डीएनए हिंदी: अफ्रीका से भारत चीते आने में कम ही समय रह गया है. वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि इस हफ्ते के अंत में नामीबिया से 8 चीते मध्य प्रदेश के कुनो-पालपुर नेशनल पार्क पहुंचेंगे. ये सभी चीते हवाई मार्ग के जरिए नामीबिया से जयपुर तक की अपनी यात्रा पूरी करेंगे. इस दौरान खास बात यह रहेगी कि ये चीते अपनी पूरी यात्रा खाली पेट करेंगे.
राष्ट्रीय उद्यान में वायुमार्ग से पहुंचने वाले चीतों को अपनी पूरी यात्रा के दौरान खाली पेट बिताना होगा. मध्यप्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) जेएस चौहान ने बताया कि नामीबिया से जयपुर और फिर वहां से राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा के दौरान चीतों को कोई भोजन नहीं दिया जाएगा. नामीबिया से उड़ान भरने के बाद चीतों को भोजन कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में दिया जाए.
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क्या है वजह
जेएस चौहान ने बताया कि एहतियात के तौर पर यह अनिवार्य है कि यात्रा शुरू करते समय किसी जानवर का पेट खाली होना चाहिए. उन्होंने कहा कि चौहान ने कहा कि इस तरह की सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि लंबी यात्रा से जानवरों में जी मचलाने की समस्या पैदा हो सकती हैं जिससे अन्य जटिलताएं पैदा हो सकती हैं.
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नामीबिया और जयपुर के बीच यात्रा के समय के बारे में पूछे जाने पर वन अधिकारी ने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है, लेकिन चीतों को लाने वाला कार्गो विमान 17 सितंबर को सुबह छह बजे से सात बजे के बीच जयपुर हवाईअड्डे पर उतरेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसी दिन अपने जन्मदिन के मौके पर इन चीतों में से तीन चीतों को चीता प्रतिस्थापन परियोजना के तहत इस उद्यान में बनाए गए विशेष बाड़े में छोड़ेंगे. चीतों को 1952 में भारत से विलुप्त घोषित किया गया था.
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इनपुट- PTI
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