डीएनए हिंदी: बिहार में बीजेपी एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर हमलावर हो गई है और इस बार टकराव की वजह उर्दू अनुवादकों को बांटे गए नियुक्ति पत्र हैं. ऐसे में बीजेपी ने इसे मुस्लिम तुष्टीकरण बताते हुए कहा है कि नीतीश कुमार राजद के साथ जाकर अपनी विचारधारा बदल चुके है. बीजेपी नेता निखिल आनंद (Nikhil Anand) ने सीएम पर हमला बोलते हुए यह तक कहा है कि नीतीश को पाकिस्तान चले जाना चाहिए.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में नवनियुक्त उर्दू अनुवादकों को नियुक्ति पत्र बांटा था और उन्होंने उर्दू के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाने की बात कही है. नीतीश ने कहा कि उर्दू सीखना जरूरी है. उर्दू सीखने से ज्ञान बढ़ेगा. इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त उर्दू अनुवादकों से आग्रह किया कि जहां भी रहिए, लोगों को उर्दू सिखाइए ताकि हिंदी के बाद उर्दू भी ज्यादा से ज्यादा लोग जान सकें. सभी लोग अपना काम करते हुए एक खास समुदाय के लिए सरकार द्वारा किए गए कार्यों को लोगों तक पहुंचाइए.
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राज्य सरकार का उर्दू को लेकर यह रवैया बीजेपी को पसंद नहीं आया है जिसके चलते बीजेपी ने उन्हें पाकिस्तान चले जाने की बात कही है. भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि आरजेडी के गोद में बैठने के बाद नीतीश कुमार धार्मिक तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "नीतीश कुमार उर्दू अनुवादक, बिहार के हर स्कूल में उर्दू शिक्षक की बहाली और अब हर थाने में उर्दू से जुड़े लोगों की बहाली करेंगे. नीतीश कुमार आप बिहार को पाकिस्तान मत बनाइए. अगर आपको इतना ही शौक है पाकिस्तान परस्त होने का तो पाकिस्तान चले जाइए."
वहीं दूसरी ओर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग पर भी जेडीयू काफी आक्रामक है. जदयू नेता अभिषेक झा ने कहा, ‘हमारे नेता नीतीश कुमार ने हमेशा बिहार के अधिकारों की बात की है. बिहार के विशेष दर्जे के लिए हमेशा इस मामले को उचित मंच पर उठाया है. केंद्र सरकार चाहती तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलता, बिहार का विकास होता लेकिन उन्होंने हमेशा पक्षपातपूर्ण व्यवहार किया. बिहार ने अब तक अपने दम पर विकास की कहानी लिखी है. नीतीश कुमार को बीमारू राज्य के रूप में बिहार मिला था और बिहार के पूर्ण विकास के लिए यह बहुत आवश्यक है कि केंद्र सरकार से उचित सहायता मिले और यह तभी संभव है, जब विशेष दर्जा दिया जाएगा.
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आपको बता दे कि नीतीश कुमार इस समय बिहार में दो तरफ से तगड़े हमले झेल रहे हैं. एक तरफ जहां स्वराज अभियान के तहत बिहार में 3,500 किलोमीटर का यात्रा निकाल रहे राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर मोदी नीतीश सरकार पर हमलावर हैं तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी से अलग होने के बाद बीजेपी भी काफी आक्रामक हो गई है.
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