कर्पूरी ठाकुर ने CM हाउस से क्यों हटवा दिए थे सारे बेड? पढ़ें रोचक कहानी

Written By नीलेश मिश्र | Updated: Jan 24, 2024, 12:42 PM IST

Karpoori Thakur: बिहार में 'किसके कर्पूरी' का खेला जारी, जानें इसके पीछे की वजह 

Karpoori Thakur Stories: कर्पूरी ठाकुर को उनकी सादगी के लिए हर कोई जानता है क्योंकि उन्होंने पूरा जीवन सादगी से जिया.

डीएनए हिंदी: कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने के ऐलान के बाद अचानक ही वह चर्चा में आ गए हैं. 70 के दशक में बिहार की राजनीति के कद्दावर चेहरे रहे कर्पूरी ठाकुर को उनकी सादगी, सरलता और मीठी भाषा के लिए जाना जाता है. पीएम नरेंद्र मोदी ने भी उनकी जयंती पर एक लेख लिखकर उन्हें याद किया है. वहीं, बिहार समेत देशभर की सभी प्रमुख पार्टियों ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने के फैसले का स्वागत किया है. अब कर्पूरी ठाकुर के बारे में कई रोचक किस्से भी सामने आ रहे हैं जो उनकी सादगी को साबित करते हैं.

कहा जाता है कि कर्पूरी ठाकुर दशकों तक राजनीति में सक्रिय रहे. विधायक रहे, डिप्टी सीएम बने, दो बार मुख्यमंत्री रहे लेकिन वह हमेशा के जनता के नेता की तरह रहे और उन्ही के जैसे रहे. कर्पूरी ठाकुर को जब सरकारी आवास मिला तब भी एक वक्त ऐसा आया जब उन्होंने अफसरों को बुलवाकर अपने सरकारी आवास के सारे बेड और चौकियां वापस करवा दीं. उन्होंने घर से सारे बेड हटवाकर यह कह दिया था कि अब वह और उनका पूरा परिवार फर्श पर ही सोएगा.

यह भी पढ़ें- कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर PM मोदी ने लिखा विशेष लेख, पढ़ें सारी बातें

क्यों हटवा दी चरपाई?
बताया जाता है कि कर्पूरी ठाकुर से जनता का लगाव बहुत था. लोग उनके सरकारी आवास पर भी आते थे. एक दिन स्कूल के दिनों के उनके गुरुजी पटना आए और मिलने के लिए सीएम आवास चले आए. उस दिन उन्हें वहीं रुकना था. उन्हें ठहराने के लिए घर के ही एक शख्स को अपना बिस्तर खाली करना पड़ा था. जिसे बिस्तर खाली करना पड़ा वह झल्ला उठा. गुरुजी रुके और अगले दिन चले गए लेकिन घर के शख्स के झल्लाने की बात कर्पूरी ठाकुर को पता चल गई.

यह भी पढ़ें- बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को मिलेगा भारत रत्न, मोदी सरकार ने किया ऐलान

कर्पूरी ठाकुर ने अफसरों को बुलवाकर आदेश दिया कि सरकारी आवास की सारी चारपाई, बेड और चौकी ले जाएं. उसके बाद से सीएम कर्पूरी ठाकुर और उनके घर से सभी लोग फर्श पर ही सोते थे. सीएम के पद से हटने के बाद उन्होंने अपने घर के लोगों को कह दिया कि वे पटना से अपने गांव चले जाएं. उनके मुख्यमंत्री रहते हुए भी कर्पूरी ठाकुर के पिता गांव में नाई का ही काम किया करते थे.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.