सियासी फायदे के लिए खौला सिसोदिया का 'राजपूती खून'! केजरीवाल भी पीट चुके हैं अपनी जाति का ढ़िंढोरा

यशवीर सिंह | Updated:Aug 22, 2022, 05:22 PM IST

मनीष सिसोदिया

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर पर CBI की छापेमारी के बाद से BJP और AAP नेताओं में वाक युद्ध चल रहा है. सोमवार को खुद मनीष सिसोदिया ने मोर्चा संभाला और भाजपा पर जमकर प्रहार किया.

डीएनए हिंदी: अमूमन शांत रहने वाले अरविंद केजरीवाल के डिप्टी मनीष सिसोदिया के तेवर आज 'टाइट' थे. हमेशा 'कलम और किताब' की बातें करने वाले मनीष सिसोदिया ने आज इशारों ही इशारों में बता दिया कि उनके पूर्वज भालों और तलवारों से खेलते थे, वे भी उन्हीं की तरह हैं और किसी से नहीं डरते. दरअसल दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर पर CBI की छापेमारी के बाद से AAP और BJP के नेताओं में वाक युद्ध चल रहा है. इस बीच सोमवार को खुद मनीष सिसोदिया ने मोर्चा संभाला और भाजपा पर जमकर प्रहार किया.

इस दौरान उन्होंने एक ट्वीट कर अपनी जाति का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके खिलाफ सारे केस झूठे हैं और वो झुकने वाले नहीं हैं. मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया, "मेरे पास भाजपा का संदेश आया है. AAP तोड़कर भाजपा में आ जाओ, सारे CBI-ED के केस बंद करवा देंगे. मेरा भाजपा को जवाब- मैं महाराणा प्रताप का वंशज हूं, राजपूत हूं. सर कटा लूंगा लेकिन भ्रष्टाचारियों-षड्यंत्रकारियों के सामने झुकूंगा नहीं. मेरे खिलाफ सारे केस झूठे हैं. जो करना है कर लो."

पढ़ें- केजरीवाल ने गुजरात के लोगों से किए 6 बड़े वादे, कहा- आपके साथ मेरा 'ईलू-ईलू' का रिश्ता

ऐसा पहली बार नहीं है कि किसी नेता ने सियासत के मैदान में अपनी जाति का उल्लेख किया हो. नेता अक्सर सियासी फायदा देखकर अपनी जाति पर गर्व से सीना फूलाते हैं और कई बार दूसरी जाति को नीचा भी दिखाते हैं. विकास और काम की बातें करने वाली आम आदमी पार्टी के इस दिग्गज नेता भी कुछ ऐसा ही किया.

पढ़ें- AAP के लड़ने से होगा BJP को फायदा, कांग्रेस को है इस बात का डर!

अन्य छोटी पार्टियों से बिलकुल अलग आम आदमी पार्टी अब बड़ी होती जा रही है और देश के विभिन्न प्रदेशों में अपनी जगह तलाश रही है. इस काम में AAP कुछ हद तक कामयाब हो भी रही है. पंजाब विधानसभा चुनाव फतह करना इसका बड़ा उदाहरण है. गोवा में भी AAP का खाता खुला है. अब गुजरात से भी आम आदमी पार्टी को बड़ी उम्मीदें हैं. दिल्ली के सीएम और पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल इस महीने में 5 बार गुजरात दौरा कर चुके हैं. वो गुजरात में मनीष सिसोदिया की तारीफ कर रहे हैं और मनीष सिसोदिया दिल्ली में अपनी जाति बता रहे हैं.

पढ़ें- बढ़ेगा गुजरात का सियासी पारा! PM Modi और Kejriwal करने वाले हैं यह काम

दरअसल गुजरात में करीब 16 फीसदी राजपूत है. बस आम आदमी पार्टी की नजर इन्हीं पर है. शंकर सिंह वाघेला के बाद से गुजरात में कोई भी राजपूत मुख्यमंत्री नहीं रहा है. सभी सियासी दल पटेलों पर डोरे डालने में व्यस्त हैं. खुद AAP भी इस पर काम कर रही है लेकिन वह राजपूतों की बड़ी आबादी को भी आकर्षित करना चाहती है. राजपूत भाजपा के भरोसेमंद वोटर माने जाते हैं लेकिन अब AAP का प्रयास मनीष सिसोदिया के जरिए इन्हें अपने पाले में लाने का है.बस इसीलिए अबतक काम की बातें करने का दावा करने वाली पार्टी आज अपने नेता की जाति बताती घूम रही है.

पढ़ें- Hardik Patel ने क्यों छोड़ी कांग्रेस? प्रदेश अध्यक्ष ने खोला बड़ा राज

हालांकि यह पहली बार नहीं है कि आम आदमी पार्टी के किसी नेता ने अपनी जाति का उल्लेख किया हो. इससे पहले खुद पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल भी अपनी जाति बता चुके हैं. केजरीवाल से पहले साल 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान कुमार विश्वास ने अमेठी में अपनी जाति का उल्लेख किया था. उस समय कुमार विश्वास AAP के टिकट पर राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे.

कई बार सियासत में इस्तेमाल की गई जाति

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल कई बार अपनी जाति का जिक्र कर चुके हैं. इस साल की शुरुआत में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपनी जाति का जिक्र किया था. जलंधर में अपनी पार्टी का प्रचार करते हुए केजरीवाल ने बनिया वोटर्स को रिझाने के लिए कहा था कि दिल्ली में बनियों को भाजपा को वोटर माना जाता है. व्यापारी उन्हें वोट नहीं देते थे लेकिन अब देने लगे हैं. केजरीवाल ने कहा था, "मैं खुद बनिया हूं लेकिन दिल्ली के बनिया ने मुझे कभी वोट नहीं दिया. मेरे दिल जीतने के बाद उन्होंने वोट देना शुरू किया."

अखिलेश ने खुद को बताया था बैकवर्ड हिंदू- यूपी विधानसभा चुनाव से पहले और यूपी विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान पिछड़ी जातियों की गोलबंदी करने के लिए अखिलेश यादव जमकर बैकवर्ड कार्ड खेलते नजर आए थे. प्रभावशाली यादव परिवार से संबंध रखने वाले अखिलेश यादव कई सभाओं में यह कहते नजर आए कि वो बैकवर्ड हिंदू हैं. हालांकि उनकी यह रणनीति चुनाव में काम न आई और उनकी अपनी यादव बिरादरी को छोड़कर तमाम पिछड़ी जातियों ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया. विधानसभा चुनाव परिणाम में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला.

हेमंत सोरेन बोले- आदिवासी ही मेरी पहचान. हाल ही में संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव में झारखंड के सीएम के सामने यह संकट आ गया था कि वो द्रौपदी मुर्मू को वोट करें या विपक्ष के साथ जाएं. तब उन्होंने मजबूरी में द्रौपदी मुर्मू को वोट देने का फैसला किया था. इसके बाद हाल में मनाए गए विश्व आदिवासी दिवस पर उन्होंने आदिवासी कार्ड खेला. उन्होंने कहा कि 'मेरे लिए मेरी आदिवासी की पहचान सबसे महत्वपूर्ण है, यही मेरी सच्चाई है.' हेमंत सोरेन इससे पहले आदिवासियों को हिंदुओं से अलग बता चुके हैं.

तेजस्वी ने की थी विवादित टिप्पणी. बिहार की राजनीति में जाति कितना बहुत महत्वपूर्ण रोल अदा करती है. पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में यह देखने को भी मिला. बिहार चुनाव के दौरान मौजूदा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने ऊंची जातियों पर निशाना साधते हुए कहा था कि लालू राज में गरीब लोग 'बाबू साहेब' के सामने सीना तानकर चलते थे. उनकी इस टिप्पणी पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Manish Sisodia gujarat election Arvind Kejriwal