डीएनए हिंदीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की मां हीराबा (Heera ba) का शुक्रवार को अहमदाबाद में 100 साल की उम्र में निधन हो गया. पीएम मोदी ने अपने मां के 100वें जन्मदिन पर खुलासा किया था कि उनकी मां कभी भी उनके साथ सरकारी या सार्वजनिक कार्यक्रमों में क्यों नहीं जाती थीं. पीएम मोदी ने हीराबा को याद करते हुए कहा, "मुझे आप पर गर्व है. मेरा कुछ भी नहीं है... मैं भगवान की योजनाओं में एक साधन मात्र हूं." पीएम मोदी ने पिछले दिनों लिखे अपने ब्लॉग 'मां' में इन बातों का जिक्र किया था.
सिर्फ दो मौकों पर ही दिखे साथ
बता दें कि प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी के साथ अभी तक उनकी मां को सिर्फ दो ही मौकों पर साथ देखा गया है. पीएम मोदी ने अपने ब्लॉग में बताया कि "आपने देखा होगा कि मां कभी भी किसी भी सरकारी या सार्वजनिक कार्यक्रम में मेरे साथ नहीं जाती हैं. वह केवल दो अवसरों पर मेरे साथ आई हैं. एक बार, अहमदाबाद में एक सार्वजनिक समारोह में जब उन्होंने मेरे माथे पर तिलक लगाया था जब में श्रीनगर से एकता यात्रा पूरी करते हुए लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर वापस लौटा था. मां के लिए वह बेहद भावुक क्षण था क्योंकि एकता यात्रा के समय फगवाड़ा में हुए आतंकी हमले में कुछ लोग मारे गए थे. वह उस समय अत्यंत चिंतित हो उठी. वहीं दूसरा जब मैंने पहली बार 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. दो दशक पहले आयोजित शपथ ग्रहण समारोह आखिरी सार्वजनिक कार्यक्रम था जिसमें मां मेरे साथ शामिल हुई थीं. तब से, वह मेरे साथ एक भी सार्वजनिक कार्यक्रम में नहीं गईं.
मां ने सम्मान से किया था मना
पीएम मोदी ने ब्लॉग में बता था कि 'मुझे एक और घटना याद आती है. जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री बना तो मैं अपने सभी शिक्षकों को सार्वजनिक रूप से सम्मानित करना चाहता था. मैंने सोचा कि मां मेरे जीवन की सबसे बड़ी गुरु हैं, और मुझे भी उनका सम्मान करना चाहिए. यहां तक कि हमारे शास्त्रों में भी मां से बड़ा कोई गुरु नहीं बताया गया है- 'नास्ति मातृ समो गुरुः'. मैंने अपनी मां से कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. उसने कहा, 'देखो, मैं एक साधारण व्यक्ति हूं. हो सकता है मैंने तुम्हें जन्म दिया हो, लेकिन तुम्हें सर्वशक्तिमान ने सिखाया और पाला है.' उस दिन मैंने सभी शिक्षकों को सम्मानित किया लेकिन मां ने इससे इनकार कर दिया.'
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