डीएनए हिंदी: कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष पद को लेकर शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच जबरदस्त मुकाबला होने की उम्मीद है. सूत्रों की मानें तो पर्दे के पीछे से मल्लिकार्जुन खड़गे को गांधी परिवार सपोर्ट कर रहा है लेकिन दूसरी तरफ सियासी रण में मौजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर भी मजबूती से अपनी बात रख रहे हैं. विभिन्न मंचों पर अपनी बात रखते हुए शशि थरूर इस बात का भी खास ख्याल रख रहे हैं कि वह मैदान में कहीं से भी गांधी परिवार के खिलाफ नजर न आएं.
शनिवार को शशि थरूर ने गांधी परिवार और पार्टी के डीएनए के बीच समानता बताई. उन्होंने कहा कि पार्टी का कोई भी अध्यक्ष गांधी परिवार से दूरी नहीं बना सकता. गांधी परिवार को पार्टी के लिए 'संपत्ति' बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि 17 अक्टूबर को पार्टी के इंटरनल चुनावों के बाद कांग्रेस का अध्यक्ष कौन बनता है. चाहे कोई भी अध्यक्ष बने लेकिन वह इतना "इतना मूर्ख" नहीं हो सकता कि गांधी परिवार को "अलविदा" कह दे. उन्होंने कहा कि वह पार्टी में "बदलाव" लाने के लिए अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे हैं.
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अपने प्रचार की शुरुआत करने से पहले मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि गांधी परिवार और कांग्रेस का डीएनए एक ही है. यह दोहराते हुए कि वह पार्टी में "परिवर्तन" का प्रतिनिधित्व करते हैं, शशि थरूर ने कहा कि अगर कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता "पार्टी के काम" से "संतुष्ट" हैं तो उन्हें मल्लिकार्जुन खड़गे को वोट देना चाहिए. इस दौरान उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच मुकाबला "लड़ाई" नहीं है और यह कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर छोड़ दिया जाना चाहिए कि वह दोनों में से किसे चुनें.
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उन्होंने कहा, "यह लड़ाई नहीं है...पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनने दें, यही हमारा संदेश है. मैं कह रहा हूं कि अगर आप पार्टी के कामकाज से संतुष्ट हैं तो खड़गे साहब को वोट दें. अगर आप बदलाव चाहते हैं, तो मुझे वोट करें. लेकिन कोई वैचारिक समस्या नहीं है. कांग्रेस पार्टी के संदेश में कोई बदलाव नहीं होगा."
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इस बात पर जोर देते हुए कि पार्टी में सभी निर्णय केंद्रीय नेतृत्व द्वारा लिए जा रहे हैं, थरूर ने कहा कि निर्णय लेने के लिए संगठन के निचले स्तरों को अधिकार देने की जरूरत है. उन्होंने कहा, "इन दिनों सभी निर्णय नई दिल्ली में लिए जा रहे हैं / पार्टी के लिए अच्छा होगा यदि निर्णय लेने का अधिकार ब्लॉक, जिला और राज्यों के स्तर पर जमीनी स्तर पर दिया जाए."
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