डीएनए हिंदी: लोकसभा में आसन की अवमानना के आरोप में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी समेत कुल 33 विपक्षी सांसदों को सोमवार को सदन से निलंबित कर दिया गया था. निलंबन के इस मुद्दे पर बवाल बढ़ता ही जा रहा है. लोकसभा स्पीकर ने अपने फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि यह निलंबन नियमों के मुताबिक है और सदन नियम के मुताबिक ही चलाया जा सकता है. दूसरी ओर विपक्षी सांसद संसद परिसर में अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं. गांधी प्रतिमा के सामने कांग्रेस और दूसरे दलों के सांसदों ने नारे लगाए और फिर संसद की सीढ़ियों पर बैठकर अपना विरोध जाहिर किया है. बीजेपी के सांसद और केंद्रीय मंत्रियों ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि स्पीकर का फैसला सबसे ऊपर होता है.
विंटर सेशन में एक के बाद एक कई विपक्षी सांसदों का निलंबन हुआ है. निलंबन पर लोकसभा और राज्यसभा में जोरदार हंगामा हो रहा है जिसके जवाब में लोकसभा स्पीकर ने कहा कि सदन में सांसदों को तख्तियों और बैनर लेकर आने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. चाहे जो हो जाए सदन अपने नियमों के मुताबिक ही चलेगा. दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन में सांसदों के सस्पेंशन मुद्दे पर एकजुट होकर विरोध करने पर सहमति बन गई है.
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अधीर रंजन चौधरी ने पीएम पर साधा निशाना
92 विपक्षी सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सीधे पीएम नरेंद्र मोदी पर ही निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का अहंकार पूरा देश देख रहा है. वह विपक्ष की आवाज दबाना चाहते हैं. पीएम पर असुरी शक्तियां सवार हो गई है लेकिन हम इस तानाशाही के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते रहेंगे. बंगाल में भी हम लोग काफी लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे पर एकजुट है और हम हर संघर्ष के लिए तैयार हैं.
इंडिया गठबंधन की अहम बैठक में हो सकते हैं कई फैसले
मंगलवार का दिन इंडिया अलायंस के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि विपक्षी दलों की अहम बैठक हो रही है. सीट शेयरिंग से लेकर साझा चुनाव प्रचार जैसे कई मुद्दों पर इस बैठक में फैसला हो सकता है. हालांकि, गठबंधन में दरार इसकी शुरुआत से ही दिख रहे हैं और शिवसेना (उद्धव गुट) ने सामना में लिखे संपादकीय में तीन राज्यों में हार के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है. दूसरी ओर नीतीश कुमार को पीएम फेस बनाने की खबरों पर भी अब तक सभी दल एकमत नहीं है. विपक्षी गठबंधन को ऐसे कई अहम सवालों के जवाब तलाशने होंगे.
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