खुद को मरा हुआ साबित कर प्रेमी संग भागी महिला, वापस आई तो पिता ने बेटी का भूत समझ कर भगा दिया, जानिए पूरा मामला

Written By सुमित तिवारी | Updated: Oct 13, 2024, 01:46 PM IST

Gujarat news

प्रेम और हत्या का ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. इस केस में एक लड़की ने अपने ही मरने का नाटक करने के लिए हत्या की वारदात को अंजाम दे दिया है.

गुजरात के कच्छ से एक ऐसी प्रेम कहानी सामने आई है, जिसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे. आपने प्रेम में कई लड़के लड़कियों को एक दूसरे के साथ भगाते हुए देखा होगा, लेकिन हम जिस मामले की बात कर रहे हैं उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है. मामला कच्छ के खारी गांव का है. 

प्रेम और हत्या का गजब मामला
दरअसल इस मामले में एक महिला अपनी ही मौत की झूठी कहानी गढ़ती है और सबको चखमा देकर प्रेमी के संग भाग जाती है, लेकिन कुछ दिनों बाद उसे अपनी गलती का एहसास होता तो वह वापस अपने घर आती है. 
जब महिला ने अपने घर आकर अपने पिता को सारी हकीकत बताई तो पिता को लगा कि मेरी बेटी तो मर चुकी है और अब ये सब बेटी का भूत बता रहा है. 

अपने ही मरने की गढ़ी कहानी
हत्या और प्रेम की अनोखी कहानी यहां से शुरू होती है.  शादीशुदा रामी काना देभा चाड (आहीर) और खारी गांव में रहने वाले अनिल गोपालभाई विश्रामभाई गागल (उम्र 26) के बीच प्रेम संबंध था. रामी ने अपने प्रेमी अनिल से कहा कि अगर तुम मुझे मृत घोषित करवा दो तो मै फिर तुम्हारे पास आ जाउगीं. इस पर अनिल ने तुरंत एक लावारिश शव की तलाश करना शुरू कर दी. 

गला दबाकर कर दी हत्या
जब उसको काफी तलाशने के बाद शव नहीं मिला तो उसने प्रताप भाटिया नाम के बुजुर्ग का अपहरण कर लिया और भोजर्दो और छछी के  रेगिस्तान में ले जाकर गला दबाकर हत्या कर दी. बता दें कि प्रताप भाटिया के परिवार में कोई नहीं था. अनिल ने बुजुर्ग की लाश को गांव में लाकर कूड़े से ढक दिया. उधर प्लान के अनुसार रामी ने 19 जून को वीडियो बनाकर आत्महत्या की बात कही.

वीडियो में कही ये बात
उसने कहा कि मैं जीवन और तुम्हारी मुझसे की गई अपेक्षाओं को पूरी नहीं कर पाऊंगी मैं थक गई हूं.  मुझे क्षमा करें, रामी ने मोबाइल फोन में दो अलग-अलग वीडियो बनाकर 5 जुलाई को अपने पिता साकराभाई को भेजा. 

लड़की के बोझ कर रख लगा दी आग
आरोपी ने शव को उसके आंगन से पास के काना करशन चाड के आंगन में ले गया और अनिल और रामी ने मृत वृद्ध को लकड़ी के बोझ पर रख दिया और आग लगा दी, रामी ने अपने कपड़े, चूड़ी और मोबाइल, जूते उसके पास छोड़ दिए. एक रात वहां रुकने के बाद अगले दिन आरोपी अनिल अपनी प्रेमिका रामी के साथ फरार हो गया.

पिता ने समझा बेटी का भूत है
काफी दिन तक फरार रहने के बाद जब रामी को गलती का एहसास  हुआ और वह घर आई तो उसने अपने पिता साकराभाई करमनभाई करासिया से मिलने गई. उसने रोते हुए कहा कि मुझे माफ कर दो. हालांकि, सकराभाई ने अपनी बेटी को स्वीकार करने से इनकार कर दिया. उन्हें पहले लगा कि यह बेटी का भूत है, जो कहानी गढ़ रहा है और बाद में उन्होंने पुलिस के सामने पेश होने की शर्त रख दी


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पुलिस का नाम आते ही फिर से हो गए फरार
जब पुलिस के सामने जाने की बात आई तो फिर से दोनों फरार हो गए, लेकिन पुलिस ने खावड़ा पुलिस ने रापर इलाके से प्रेमी जोड़े को पकड़ लिया और पूरी घटना से पर्दा उठ गया. बता दें कि आरोपी अनिल से पूछताछ के दौरान खावड़ा पुलिस ने अज्ञात वृद्ध की पहचान के लिए जांच की. 

ऐसे हुई मृतक की पहचान
इसी बीच भुज में जिस दुकान के नीचे अज्ञात वृद्ध सो रहा था. उस दुकान के मालिक शिवम ट्रेडर्स की मदद से मृत वृद्ध का स्केच तैयार किया गया। स्केच से मृतक के भाई गणेशनगर भुज निवासी नरेशभाई प्रतापभाई गांधी (भाटिया) ने पुलिस को पहचान दी कि उनके भाई भरतभाई प्रतापभाई भाटिया (मृत्यु 72) मूल रूप से मनकुवा के रहने वाले हैं और वर्तमान में भुज में रह रहे हैं.

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