लोकसभा चुनाव 2024 के चुनावी दंगल में महिलाओं का जिक्र खूब हो रहा है. मंच से नेता महिलाओं के लिए न जाने कितनी स्कीम गिना रहे हैं. इसके पीछे का कारण है महिला वोटर्स की सजगता, पिछले कुछ सालों से देखा जा रहा है कि पंचायत चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक में महिलाएं अपनी दिलचस्पी दिखा रही हैं और पोलिंग बूथ तक पहुंच कर अपने मतदान का प्रयोग कर रही हैं. ऐसे में अब नेताओं की मज़बूरी कहें या सच में महिलाओं को आगे लाने की उनकी सोच है लेकिन उन्हें महिला मुद्दों पर बात करनी ही पड़ रही है. ऐसे में आइए जानते हैं कि महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर बड़े-बड़े वादे करने वाले दलों ने कितना महिला नेताओं को टिकट दिया है...
भारत के चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि सितंबर 2023 में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित करने का विधेयक पारित होने के बावजूद भी राजनीतिक दल महिलाओं को टिकट देने के मामले में बहुत पीछे हैं. इस बात का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में 102 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होगा, जिसमें 19 अप्रैल को 1,625 उम्मीदवार राजनीतिक मैदान में होंगे. इनमें से केवल 134 उम्मीदवार महिला हैं, जो इस चरण के कुल उम्मीदवारों का 8% है.
बीजेपी ने इतनी महिलाओं को दिया टिकट
संसद में महिला आरक्षण का समर्थन करने वाली और इस बिल को पास कराने वाली भाजपा ने 417 संसदीय सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है, जिनमें से 68 महिलाएं हैं यानी केवल 16 फीसदी महिलाओं पर ही भरोसा जताया है. बीजेपी ने 2009 में 45, 2014 में 38 और 2019 में 55 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था. इन आंकड़ों को देखते हुए ये कहा जा सकता है कि बीजेपी ने महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने पर ध्यान दिया लेकिन इसकी अभी और जरुरत है. परनीत कौर, बांसुरी स्वराज, सीता सोरेन, गीता कोड़ा, ज्योति मिर्धा, गायत्री सिद्धेश्वरा, नवनीत राणा, मालविका देवी, कृति सिंह देबबर्मा भाजपा की अब तक की प्रमुख महिला उम्मीदवारों में से हैं. इनमें से ज्यादातर राजनीतिक परिवारों से आती हैं.
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जानिए अन्य पार्टियों का हाल
कांग्रेस ने कुल 192 घोषित प्रत्याशियों में से 11 फीसदी यानी केवल 22 महिलाओं को ही टिकट दिया है. 2019 में कांग्रेस ने 54 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया था. बीजू जनता दल ने सबसे अधिक महिलाओं को टिकट दिया है. अब तक BJD ने 21 प्रत्याशियों की घोषणा की है, जसमें 7 सीटों पर महिलाओं पर भरोसा जताया है. इस दल ने सबसे अधिक 33 फीसदी महिलाओं को टिकट दिए हैं. समाजवादी पार्टी ने भी अभी तक 49 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है. इसमें 7 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है. वहीं, बसपा ने अब तक 37 उम्मीदवारों को टिकट दिया है. इसमें सिर्फ 2 महिलाएं हैं. ऐसे में एक सवाल एक ये भी है कि जिस पार्टी की प्रमुख महिला मायावती हैं, उसके बाद भी पार्टी ने महिलाओं पर भरोसा नहीं जताया है. 2019 में बसपा कुल 383 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. इसमें 24 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया था. टीएमसी ने पश्चिम बंगाल के लिए अपनी पहली सूची में जिन 42 उम्मीदवारों की घोषणा की. इसमें 12 उम्मीदवार महिलाएं हैं.
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2019 में इतनी महिलाएं बनी सांसद
लोकसभा में 542 सांसदों में से 78 महिलाएं जीती थीं. इनमें सबसे अधिक उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल 11-11 महिलाएं चुनाव जीती थीं. आंकड़ों में आकलन किया जाए तो जीत के मामले में भी महिलाओं का रिकॉर्ड पुरुषों के मुकाबले बेहतर रहा है. 1952 के बाद से सबसे अधिक महिला सांसद थीं. 2014 में 16वीं लोकसभा में 64 महिलाएं जीतीं थीं, वहीं 15वीं लोकसभा के लिए 52 महिलाएं चुनी गईं थीं.
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