डीएनए हिंदी: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लिव इन में रहने वाले कपल को लेकर अहम टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि ऐसे बहुत से मामले देखने में आए हैं जहां महिलाएं लंबे समय तक लिव इन में रहने के बाद फर्जी रेप केस दर्ज करा देती हैं. कोर्ट ने यह भी कहा कि कपल के साथ रहने के दौरान झगड़े होना आम बात है. हालांकि पिछले कुछ वक्त में ऐसे बहुत सारे मामले हमने देखे हैं जिनमें लड़कियों ने अपने पार्टनर पर झूठे आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज करा देती हैं. परिवार के सम्मान की रक्षा के नाम पर कई बार ये झूठे केस दर्ज कराए जा रहे हैं. कोर्ट की यह टिप्पणी पर सोशल मीडिया में प्रतिक्रिया आ रही है. हाई कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा कि महिलाओं को कानूनी संरक्षण मिला हुआ है और ऐसे मामलों में वह इसका फायदा उठाती हैं.
हाई कोर्ट ने लिव इन में रहने वाली महिलाओं पर की सख्त टिप्पणी
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि महिलाओं को कानून की तरफ से संरक्षण मिला हुआ है. कोर्ट ने गुरुवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि कानूनों का सहारा लेकर महिलाएं पुरुषों को आसानी से फंसा देती हैं. हाई कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि कोर्ट में बड़ी संख्या में इस तरह के मामले आ रहे हैं जिनमें महिलाएं लंबे समय तक किसी के साथ रिलेशन में रहती हैं. इस दौरान उनके शारीरिक संबंध भी होते हैं और फिर अनबन होने या किसी और वजह से अपने पार्टनर पर रेप का आरोप लगा देती हैं.
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हाई कोर्ट की जस्टिस सिद्धार्थ ने अपनी टिप्पणी में कहा कि जब भी इस तरह के मामले सामने आएं, तो न्यायिक अधिकारियों को सतर्कता बरतनी चाहिए. कोई भी फैसला देने से पहले उन्हें जमीनी हकीकत की पड़ताल करनी चाहिए. अदालत ने वाराणसी निवासी ओम नारायण पांडेय की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है. कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा कि कानून पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा अधिकार देता है. इसका फायदा उठाकर बहुत सी महिलाएं झूठे केस अपने पार्टनर पर दर्ज करा देती हैं.
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नाबालिग से शादी का वादा करके रेप का आरोप
इलाहाबाद हाई कोर्ट में ओम नारायण पांडेय के खिलाफ वाराणसी के सारनाथ थाने में यौन उत्पीड़न सहित पॉक्सो के तहत एफआईआर दर्ज है. आरोपी पर नाबालिग लड़की के साथ शादी का वादा कर यौन संबंध बनाने का आरोप है. पांडेय के वकील ने कोर्ट को बताया कि दोनों ने अपनी मर्जी से शारीरिक संबंध बनाए थे. इसी मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने यह अहम टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि महिलाएं कई बार परिवार के सम्मान के नाम पर शिकायत दर्ज करा देती हैं.
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