West Bengal Women Prisoners Pregnancy Case: पश्चिम बंगाल की जेलों की सलाखों में कैद होने के बावजूद महिला कैदियों के गर्भवती होने की रिपोर्ट से सभी के होश उड़े हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इसका संज्ञान लेते हुए एक सीनियर एडवोकेट की कमेटी नियुक्त की है, जो जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट टॉप कोर्ट में दाखिल करेगी. इससे पहले कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर एमिकस क्यूरी ने पश्चिम बंगाल की जेलों में बंद महिला कैदियों की जांच की थी, जिसमें यह चौंका देने वाला तथ्य सामने आया था. एमिकस क्यूरी ने महिला जेलों में पुरुष स्टाफ की एंट्री बंद करने और जेल के अंदर किसी भी महिला को लाए जाने से पहले मजिस्ट्रेट की निगरानी में उसका प्रेगनेंसी टेस्ट कराए जाने की सिफारिश भी हाई कोर्ट से की है. सुप्रीम कोर्ट ने इसी रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू की है.
सुप्रीम कोर्ट ने सीनियर एडवोकेट को बनाया एमिकस क्यूरी
PTI के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के सुधारगृहों की स्थिति पर हाई कोर्ट के एमिकस क्यूरी की रिपोर्ट सामने आने के बाद उसका संज्ञान लिया. जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए परीक्षण शुरू किया. बेंच ने जेलों में भीड़ (Overcrowding in Jails) मामले में एमिकस क्यूरी के तौर पर सुप्रीम कोर्ट की मदद कर रहे सीनियर एडवोकेट गौरव अग्रवाल को पश्चिम बंगाल के मुद्दे पर भी तैनात किया. सीनियर एडवोकेट अग्रवाल को इस मुद्दे की जांच करने और अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया गया है.
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हाई कोर्ट की जांच में सामने आई थी ये बात
कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) ने पश्चिम बंगाल की जेलों में बंद महिलाओं की स्थिति की जांच करने के लिए एमिकस क्यूरी तापस भांजा को निर्देश दिए थे. भांजा ने गुरुवार को इस मामले में अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंपी थी. इस रिपोर्ट में उन्होंने हाई कोर्ट के बताया था कि जेलों में बंद महिलाएं गर्भवती हो रही हैं. अब तक जेलों में बंद महिलाओं 196 बच्चों को जन्म दे चुकी हैं.
रिपोर्ट में की गई थी ये सिफारिश
भांजा ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि जेलों में महिला बंदियों वाले हिस्से में पुरुष स्टाफ की एंट्री पर बैन लगाया जाए. साथ ही किसी बी महिला बंदी को जेल में लाने से पहेल उसकी प्रेग्नेंसी टेस्ट चीफ ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में कराया जाए ताकि उनके पहले से गर्भवती होने या नहीं होने का पुख्ता सबूत हो सके. भांजा ने महिला जेलों में क्षमता से बेहद ज्यादा बंदी होने की तरफ भी हाई कोर्ट का संज्ञान दिलाया था. इस मुद्दे पर कलकत्ता हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच सोमवार को सुनवाई करेगी.
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