डीएनए हिंदी: नई संसद की लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पास हो गया. सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने लोकसभा में बिल पेश किया. इस बिल को नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल नाम दिया गया. इसके तहत अब लोकसभा की 181 सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व हो गई. राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ओबीसी को शामिल नहीं किए जाने को लेकर सवाल उठाए. इसके बाद सदन में हंगामा होने लगा. राज्यसभा की कार्यवाही कल 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि अनुसूचित जाति की महिलाओं की साक्षरता दर कम है और यही कारण है कि राजनीतिक दलों को कमजोर महिलाओं को चुनने की आदत है. इसके उन्होंने कहा कि वे उन लोगों को नहीं चुनते जो शिक्षित हैं और लड़ सकती हैं. वे हमें श्रेय नहीं देते लेकिन मैं उनके ध्यान में लाना चाहता हूं कि महिला आरक्षण विधेयक 2010 में पहले ही पारित हो चुका था लेकिन इसे रोक दिया गया था.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिया जवाब
राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर खरगे के बयान को लेकर हंगामा हुआ. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश की राष्ट्रपति कौन हैं? वे ट्राइबल समाज से आने वाली महिला हैं. जिस पार्टी के आप अध्यक्ष हैं, उसमें कई सालों तक एक महिला ही अध्यक्ष रही हैं. इसके साथ वित्त मंत्री ने कहा कि हम विपक्ष के नेता का सम्मान करते हैं लेकिन यह व्यापक बयान देना कि सभी पार्टियाँ उन महिलाओं को चुनती हैं. जो प्रभावी नहीं हैं, बिल्कुल अस्वीकार्य है. हम सभी को हमारी पार्टी ने सशक्त बनाया है.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने बिल का किया स्वागत
वित्त मंत्री के जवाब पर खड़गे ने कहा कि मैं इस बिल का स्वागत करता हूं. यह बिल लोकसभा में 2010 में पास हो चुका है. मैं कोशिश कर रहा था कि जो कानून बने. उसका लाभ गरीबों और महिलाओं को मिले. मैं उनको प्रोत्साहित करने के लिए बोल रहा था लेकिन वो बीच में बोलने लगे. आपके राज में फेडरल स्ट्रक्टर कमजोर हो रहा है. सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच मचे हंगामे पर उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि आज ऐतिहासिक दिन है. इसको हंगामे की भेंट न चढ़ाएं। यह मुद्दा बहुत जरूरी है, कई प्रयास हुआ लेकिन यह बिल पास नहीं हो सका.
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