डीएनए हिंदी: भारत सरकार ने सशस्त्र बलों में तैनात महिलाओं को दिवाली का तोहफा दिया है. रक्षा मंत्रालय से सशस्त्र बलों में तैनात महिलाओं के छुट्टियों को लेकर एक प्रस्ताव जारी किया गया है. इस प्रस्ताव में महिलाओं की छुट्टियों को लेकर एक नियम बनाया गया है. सुरक्षा बलों में अब महिला अधिकारियों की तरह ही महिला सैनिकों को भी अब मातृत्व, बच्चों की देखभाल और बच्चे गोद लेने के लिए छुट्टियां और अन्य सुविधाएं दी जाएगी. इससे महिला सैनिक अपने पेशेवर और पारिवारिक जीवन को अधिक प्रभावशाली ढंग से संतुलित बना सकेंगी.
भारतीय सशस्त्र बल के नए नियमों से अब सभी रैंकों की महिला कर्मियों के बीच समानता आ गई है. जारी नियम में कहा गया है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों में महिला सैनिकों, नाविकों और वायु योद्धाओं के लिए उनके अधिकारी समकक्षों के बराबर मातृत्व, बाल देखभाल और बाल गोद लेने की छुट्टियों के नियमों के विस्तार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस नियम के आने के बाद से सेना में सभी महिलाओं के लिए ऐसी छुट्टियों का अनुदान समान रूप से लागू होगा, चाहे वह अधिकारी हो या किसी अन्य रैंक का हो.
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रक्षा मंत्री ने प्रस्ताव को दी मंजूरी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों में तैनात सभी महिलाओं के लिए इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है. रक्षा मंत्रालय का कहना है कि मोदी सरकार ‘नारी शक्ति’ को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए तमाम प्रयास कर रही है. महिला सैनिकों के लिए अफसरों के बराबर छुट्टियां मंजूर कर सरकार की ओर से एक अच्छी शुरुवात की है, इससे महिला सैनिक अपने परिवार को भी समय दे पाएंगी. रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस फैसले से महिला सैनिकों, नाविकों और वायु योद्धाओं की बहादुरी, समर्पण और देशभक्ति और सशक्त होगी.
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अधिकारी ने कही यह बात
रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का हमेशा से मानना रहा है कि महिलाओं को हर क्षेत्र में अपने पुरुष समकक्षों के बराबर होना चाहिए. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारतीय सेना के सैन्य पुलिस कोर में सैनिकों के रूप में महिलाओं की भर्ती कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की गई. अधिकारियों ने बताया कि इस समय महिला अधिकारियों को हर बच्चे के लिए 180 दिन का मातृत्व अवकाश मिलता है. यह नियम अधिकतम दो बच्चों पर लागू होता है. उन्होंने बताया कि महिला अधिकारियों को संपूर्ण सेवा कार्यालय में 360 दिन का शिशु देखभाल अवकाश मिलता है. इसके लिए बच्चे की आयु 18 वर्ष से कम होनी चाहिए.
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