डीएनए हिंदी: हर महिला के लिए मां बनना एक सुखमय एहसास होता है. ऐसे समय में हर कामकाजी महिला अपने काम के साथ बच्चे को भी पूरा वक्त देना चाहती हैं. इसलिए केंद्र और राज्य सरकारें कामकाजी महिलाओं के लिए मैटरनिटी लीव (Maternity Leave) प्रावधान करती हैं. लेकिन कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाली महिलाओं के लिए ज्यादातर राज्य में मातृत्व अवकाश की सुविधा नहीं है. इस बीच झारखंड सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट पर कार्यरत महिला कर्मचारियों को 180 दिन का मातृत्व अवकाश देने का ऐलान किया है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इससे जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. पहले कांट्रैक्ट पर काम करने वाली महिला कर्मियों को मैटरनिटी लीव का लाभ देने का प्रावधान नहीं था. मामला जब मुख्यमंत्री के नोटिस में आया तो उन्होंने संबंधित विभाग को इसका प्रस्ताव तैयार करने को कहा. नए नियम के अनुसार पिछले 12 महीनों में कम से कम 80 दिन तक कांट्रैक्ट पर कार्य कर चुकी महिलाओं को 180 दिन का मातृत्व अवकाश मिलेगा. यानी इस अवधि के दौरान उन्हें मानदेय और वेतन प्राप्त होगा.
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इन महिलाओं को नहीं मिलेगा लाभ
सरकार के नोटिफिकेशन के मुताबिक, यह अवकाश दो जीवित संतान के उपरांत हुए प्रसव पर नहीं मिलेगा. राज्य में लगभग 2,000 महिला कर्मी इस फैसले से लाभान्वित होंगी. राज्य में कॉन्ट्रैक्ट पर कार्यरत महिला कर्मचारी लंबे समय से मातृत्व अवकाश की मांग कर रही थीं. झारखंड हाईकोर्ट ने भी मोनिका बनाम झारखंड एवं अन्य में कॉन्ट्रैक्ट पर कार्यरत महिला पर्यवेक्षिका को मातृत्व अवकाश का भुगतान करने का आदेश दिया है.
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इसी तरह रश्मि भारती बनाम झारखंड सहित कुछ अन्य मामलों में भी हाईकोर्ट ने ग्रामीण विकास विभाग और गोड्डा डीसी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा म्युनिसिपल कॉरपोरेशन दिल्ली बनाम फीमेल वर्कर्स (मस्टर रॉल) मामले में पारित आदेश के अनुरूप शपथ पत्र दायर करने का आदेश दिया है.
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