डीएनए हिंदी: हर साल 13 अगस्त के दिन विश्व अंगदान दिवस (World Organ Doation Day) मनाया जाता है. इसका उद्देश्य है लोगों में अंगदान के प्रति जागरुकता पैदा करना और इससे जुड़े मिथकों को दूर करना. पहली बार सन् 1954 में अमेरिका में ऑर्गन ट्रांसप्लांट किया गया था. इसे करने वाले डॉ. जोसफ मुरे को सन् 1990 में फिजियोलॉजी एंड मेडिसिन का नोबल पुरस्कार भी मिला था. जानते हैं कौन कर सकता है अंगदान और इससे जुड़ी अन्य अहम बातें-
कौन कर सकता है अंगदान
कोई भी व्यक्ति अंगदान कर सकता है. इसके लिए जरूरी है कि वह किसी गंभीर समस्या जैसे एड्स, कैंसर या हृदय रोग से पीड़ित ना हो. 18 साल की उम्र के बाद कोई भी व्यक्ति अंगदान करके किसी दूसरे व्यक्ति का जीवन बचाने में भागीदार बन सकता है.
ये भी पढ़ें- Bank Holiday in August: क्या आपको भी बैंक में है जरूरी काम, तो भूल जाएं ये तारीखें
कैसे किया जाता है अंगदान
अंगदान करने के दो तरीके हैं. एक यह कि हम जीवित रहते अपने कुछ अंगों को दान कर दें. दूसरा यह कि मृत्यु के बाद हमारे अंग दान कर दिए जाएं. इसके लिए आपको जीवित रहते हुए यह लिखित मंजूरी देनी होती है कि मरने के बाद आपके अंग दान किए जा सकते हैं. इसके लिए पूरी प्रक्रिया है.
क्या है अंगदान की प्रक्रिया
देश में अंगदान के लिए कानून हैं और इसी के तहत पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाता है. यदि आप अंगदान करना चाहते हैं तो www.organindia.org पर जाकर एक फॉर्म भरा जाता है. जब आपका रजिस्ट्रेशन हो जाता है तो आपको डोनर कार्ड मिलता है. इसी के जरिए अंगदान किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें- World Lion Day: शेर ही क्यों होता है जंगल का राजा? चीता, हाथी या भालू क्यों नहीं
कौन से अंग किए जा सकते हैं दान
जीवित व्यक्ति किडनी और पैंक्रियास का कुछ हिस्सा किसी जरूरतमंद को दान कर सकता है. वहीं मरने के बाद वे अंग ही दान किए जा सकते हैं जो ठीक तरह से काम कर रहे हों. आमतौर पर मरने के बाद शरीर के आठ अंगों का दान किया जाता है. जैसे- किडनी, लीवर, फेफड़ा, हृदय, पैंक्रियास और आंत. इसके अलावा आंख भी दान की जा सकती है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.