World Paper Bag Day : कैसे बना था पहला पेपर बैग, क्या है इतिहास और कितना बड़ा है पेपर बैग का बाजार

आरती राय | Updated:Jul 12, 2022, 02:02 PM IST

world Paper Bag Day

Paper Bag Day 2022: भारत में प्लास्टिक बैन होने के बाद से यह चर्चा जोरों पर है कि इसका विकल्प क्या होगा और कैसे उपलब्ध होगा? इसका जवाब कागज से बने प्रोडक्ट्स के रूप में सामने आया है. आज पेपर बैग डे पर जानते हैं पेपर बैग्स का इतिहास और इनका बढ़ता बाजार-

डीएनए हिंदी: पेपर बैग्स का इस्तेमाल इन दिनों लेटेस्ट ट्रेंड बन गया है. पर्यावरण की स्थिति को देखते हुए अब प्लास्टिक बैन कर दिया गया है और पेपर बैग्स एक अच्छे विकल्प के रूप में सामने आए हैं. खास बात यह है कि हर साल 12 जुलाई को विश्व पेपर बैग दिवस (World Paper Bag Day) मनाया जाता है. पेपर बैग इस्तेमाल करने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इनसे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता है. ये देखने में सुंदर लगते हैं. अलग-अलग रंग और आकार में उपलब्ध होते हैं. ये बायोडिग्रेडेबल हैं और प्लास्टिक बैग की तुलना में इनकी रीसाइक्लिंग के लिए कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है .

भारत में पेपर बैग का बाजार
एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में पेपर बैग बाजार में सालाना लगभग  4.1% की वृद्धि हुई है. अनुमान है कि 2022-2030 के दौरान पेपर बैग का बाजार 7.3 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा. पेपर बैग की मेकिंग में बहुत कम लागत लगती है, इसलिए इसका बिजनेस स्टार्टअप के लिए अच्छा मौका है. 2030 तक शहरी क्षेत्रों में प्रतिष्ठित ब्रांड्स के अलावा छोटे क्षेत्रों जैसे कपड़े की दुकान, आभूषण स्टोर, बेकरी, किराना दुकानें, सब्जी की दुकानें, स्नैक्स स्टोर, मिठाई की दुकानें आदि ने भी पेपर बैग का उपयोग करना शुरू कर दिया है. ऐसे में इस उद्योग में काफी स्कोप भी है. 

ये भी पढ़ें- Paper Bag Day 2022: जानिए क्या है पेपर बैग का इतिहास और क्यों इसे माना जाता है इस वक़्त ज़रूरी

आज के समय में भारत दुनिया भर में बड़े पैमाने पर पेपर बैग और इनसे बने और प्रोडक्ट्स का बड़ा  निर्यातक है. भारत हर साल विकसित देशों को सालाना लगभग 400 करोड़ रुपये के पेपर बैग्स और अन्य पेपर प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट करता है. पेपर उत्पादों में पेपर प्लेट्स, पेपर बैग्स, पेपर कप्स, पेपर बाउल्स और बहुत कुछ शामिल हैं. 

पेपर बैग का इतिहास
पेपर बैग के इतिहास का पता 19वीं शताब्दी से लगाया जा सकता है. 1852 में अमेरिकी अविष्कारक फ्रांसिस वोले ने पहली पेपर बैग मशीन का अविष्कार और पेटेंट कराया था. लगभग दो दशक बाद 1971 में, मार्गरेट-ई-नाइट ने एक ऐसी मशीन का अविष्कार किया जो फ्लैट-बॉटम बॉक्सी पेपर बैग का उत्पादन कर सकती थी. नाइट को The Mother Of The Grocery Bag के रूप में जाना जाने लगा. 1883 में चार्ल्स स्टिलवेल ने पेपर बैग में प्लीटेड साइड्स जोड़े. इसके बाद वाल्टर और लिडिया ड्यूबनेर ने 1912 में पारंपरिक पेपर बैग में एक लूप में तार जोड़कर पहला हैंडल वाला पेपर शॉपिंग बैग बनाया. ड्यूबनेर ने अपने अविष्कार के लिए एक पेटेंट भी जीता और शॉपिंग बैग के पूर्णकालिक निर्माता बन गए.

ये भी पढ़ें- World Population day 2022: इन देशों में कम होती जा रही है जनसंख्या, आबादी बढ़ाने के लिए इनाम बांट रही हैं सरकार

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Paper Bag Day 2022 plastic ban plastic options