विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को डायरेक्ट एंट्री के विरोध में आए पहलवान, फेयर ट्रायल की मांग

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 19, 2023, 12:35 PM IST

Vinesh Phogat & Bajrang Poonia

Vinesh Phogat and Bajrang Poonia: विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को एशियन गेम्स में डायरेक्ट एंट्री दिए जाने के मुद्दे पर कई पहलवान विरोध में उतर आए हैं.

डीएनए हिंदी: कुछ महीने पहले बृजभूषण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को एशियन गेम्स में डायरेक्ट एंट्री मिलने पर बवाल मच गया है. कई पहलवान सवाल उठा रहे हैं कि न तो ये दोनों फिट हैं, न पिछले एक साल से प्रैक्टिस की है और न ही कोई कंपटीशन जीता है, फिर कैसे इनको डायरेक्ट एंट्री दी जा रहा है. पहलवान अंतिम पंघाल का कहना है कि उन्होंने 2023 में ही सीनियर चैंपियनशिप में सिल्वर जीता लेकिन एंट्री विनेश फोगाट को मिल गई. पहलवान विशाल कालीरमण ने भी मांग की है कि फेयर ट्रायल किया जाए और उसके आधार पर ही एंट्री दी जाए.

पहलवान अंतिम पंघाल का कहना है, 'अंडर-21 चैंपियनशिप में मेरा गोल्ड मेडल आया था. अभी 2023 में सीनियर चैंपियनशिप में मेरा सिल्वर मेडल आया था. एशियन गेम्स के ट्रायल में 53 किलोग्राम भार वर्ग में मैंने विनेश जी को मैंने हराया था. पिछले एक साल में उनकी कोई अचीवमेंट नहीं है, ना उन्होंने प्रैक्टिस की है, वह इंजरी में हैं फिर भी उनको डायरेक्ट भेजा जा रहा है. पिछले साल कॉमनवेल्थ गेम्स के ट्रायल में मेरी उनके साथ 3-3 से बाउट हुई थी लेकिन मेरे साथ चीटिंग हुई. 

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लोगों से की साथ देने की मांग
उन्होंने आगे कहा, 'उस वक्त मैंने सोचा कि चलो कोई बात नहीं मैं एशियन गेम्स के लिए अच्छा करूंगी और वहां से ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करूंगा. अब सीधे विनेश जी को भेजा जा रहा है. ऐसा थोड़े होता है. जो एशियन गेम्स में जाएगा, वही वर्ल्ड चैंपियनशिप में जाएगा और वही ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करेगा. मैं आपसे विनती करती हूं कि जैसे आपने उनका साथ दिया, वैसे ही मेरा साथ दीजिए. मैं इतने साल से प्रैक्टिस कर रही हूं तो क्या अब मैं प्रैक्टिस छोड़ दूं? मैं यह बोल रही हूं कि बहुत ऐसी लड़कियां हैं जो विनेश जी को हरा सकती हैं, मैं हाथ जोड़ती हूं आप लोग मेरा साथ दीजिए. मुझे कोई इतना बता दे कि विनेश जो को किस अचीवमेंट की वजह से भेजा जा रहा है?'

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पहलवान विशाल कालीरमण का कहना है, 'मैं भी 65 किलोग्राम वर्ग में ही खेलता हूं. कॉमनवेल्थ गेम्स के ट्रायल के फाइनल बाउट में मैं बजरंग से हार गया था. अब उनको सीधे एंट्री दी जा रही है, बिना किसी ट्रायल के. एक साल से तो वह धरने पर थे, कोई प्रैक्टिस नहीं की. हम एक साल से प्रैक्टिस कर रहे हैं. हम यही मांग कर रहे हैं कि ट्रायल तो हो. हम खुद की एंट्री नहीं मांग रहे हैं लेकिन हम इतना चाहते हैं कि क्वालिफिकेशन से पहले ट्रायल तो हो. पिछली बार भी जो ट्रायल हुई थी उसमें भी बजरंग पूनिया को सीधे सेमीफाइल खिलाया गया था.'

उन्होंने आगे कहा, 'हमारी मांग है कि ट्रायल हो, वरना हमें कोर्ट जाना पड़ेगा. सोशल मीडिया के जरिए हम अपनी बात जाहिर कर सकते हैं. हम सबसे अपील करते हैं कि हमारे समर्थन में आएं. वरना हम धरना भी देंगे. अब अगर ट्रायल नहीं होगा तो इसका मतलब तो हुआ कि हमारी पहलवानी छूट गई. हम यह भी पूछते हैं कि दो ही भार वर्ग में डायरेक्ट एंट्री क्यों दी गई?'

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