दिल्ली में फिर खतरे के निशान के ऊपर बह रही यमुना, पढ़ें इस बार राजधानी को किससे है खतरा

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 16, 2023, 04:35 PM IST

Yamuna River water level

Delhi Floods: दिल्ली को पिछले महीना अभूतपूर्व जलभराव और बाढ़ से जूझना पड़ा था. क्योंकि यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार करते हुए 208.66 मीटर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था.

डीएनए हिंदी: पहाड़ों में हो रही बारिश के कारण एक बार फिर देश की राजधानी दिल्ली में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. भारी बारिश के चलते यमुना नदी का जलस्तर खतरनाक निशान के पार 205.33 मीटर पर पहुंच गया है. केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) की वेबसाइट के अनुसार, बुधवार सुबह आठ बजे ओल्ड रेलवे ब्रिज पर जलस्तर 205.14 मीटर था. इससे पहले मंगलवार को यमुना का जलस्तर 204.5 मीटर था जो रात 10 बजे के बाद 205.39 मीटर तक पहुंच गया.

सीडब्ल्यूसी के अधिकारी ने कहा, ‘हालांकि, दिल्ली में नदी का जलस्तर निकासी अभियान शुरू करने के स्तर 206.00 मीटर तक नहीं बढ़ेगा, बशर्ते पहाड़ी क्षेत्रों में अधिक बारिश न हो.’ दिल्ली में बुधवार को हल्की बारिश हुई और अगले कुछ दिन तक मौसम शुष्क रहने का अनुमान है.  हिमाचल प्रदेश में पिछले चार दिन से हो रही भारी की वजह से हालात खराब हैं. राज्य में बादल फटने और भूस्खलन जैसी घटनाओं में अब तक 56 लोगों की मौत हो गई है.

वहीं, उत्तराखंड में भी बारिश का प्रकोप जारी है. जिससे इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई और भूस्खलन से बदरीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री तक जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो गए हैं. उत्तराखंड के देहरादून में आपदा नियंत्रण कक्ष ने कहा कि बारिश के कारण ज्यादातर नदियां उफान पर हैं. 

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पहाड़ों की बारिश से दिल्ली में खतरा
इस बार देश की राजधानी का खतरा पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश से है. क्योंकि पहाड़ों का पानी हथिकुंड बैराज में गिर रहा है और वहां से यमुना नदी में छोड़ा जा रहा है. उधर, उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश से राज्य के भीम गौड़ा बैराज एसपीआर नंबर-7 पर गंगा नदी का स्तर 292.65 मीटर पहुंच गया है. 

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पिछले महीने यमुना के जलस्तर ने तोड़ा था रिकॉर्ड
गौरतलब है कि दिल्ली को जुलाई के मध्य में अभूतपूर्व जलभराव और बाढ़ से जूझना पड़ा था. इतना ही नहीं यमुना का जल 13 जुलाई को 208.66 मीटर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था. दिल्ली में बाढ़ के कारण 27,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था. बाढ़ के कारण करोड़ों का नुकसान हुआ है. नदी 10 जुलाई से लगातार आठ दिन तक खतरे के निशान से ऊपर 205.33 मीटर पर बहती रही थी.

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