डीएनए हिंदी: दिल्ली में बाढ़ का आज सातवां दिन है. लेकिन राजधानी में मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. कई इलाकों में बाढ़ का पानी जमा है जिससे लोगों को काफी दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है. इस बीच यमुना नदी ने भी लोगों की सांसे फुला रखी हैं. यमुना का जलस्तर (Yamuna Water Level) कभी कम हो रहा तो कभी बढ़ रहा है. सोमवार को यमुना का जलस्तर बढ़कर 205.92 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर है. इससे पहले रविवार को यमुना का जलस्तर घटकर 205.42 तक आ गया था.
दिल्ली की कैबिनेट मंत्री आतिशी ने कहा कि यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है, इसलिए लोग राहत शिविरों में ही रहें. उन्होंने बताया कि रविवार को हरियाणा के कुछ इलाकों में भारी बारिश के कारण यमुना का जलस्तर थोड़ा बढ़ गया है. आतिशी ने कहा, 'केंद्रीय जल आयोग का अनुमान है कि रातोंरात यमुना का जलस्तर 206.1 मीटर तक पहुंच सकता है. लेकिन इससे दिल्ली के लोगों को कोई खतरा नहीं है.'
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12 जुलाई को तोड़ा था रिकॉर्ड
आतिशी ने ट्वीट किया, ‘‘लेकिन राहत शिविरों में रहने वाले सभी लोगों से अनुरोध है कि वे अभी अपने घरों में वापस न जाएं. जलस्तर खतरे के निशान से नीचे जाने के बाद ही लोग अपने घरों को लौटें.’ दिल्ली में सोमवार साम 5 बजे यमुना का जलस्तर बढ़कर 205.92 मीटर हो गया, जबकि सुबह 9 बजे यह 205.58 मीटर था. रविवार की रात जलस्तर 205.52 मीटर था. यमुना के जलस्तर ने बीते सप्ताह 207.49 मीटर के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया था. 12 जुलाई को यह 208 मीटर को पार कर गया था. यमुना का जलस्तर अब भी खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर है.
CM केजरीवाल ने सेना जवानों का जताया आभार
वहीं, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने राहत एवं बचाव प्रयासों में सहयोग के लिए पीडब्ल्यूडी, दिल्ली जल बोर्ड, थल सेना, नौसेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग तथा अन्य सभी अधिकारियों का आभार भी जताया.
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बाढ़ की वजह से आंखों में जलन, त्वचा पर एलर्जी
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आंखों में जलन और त्वचा एलर्जी के मामले ज्यादातर राजधानी के कुछ हिस्सों में बाढ़ से प्रभावित लोगों के राहत शिविरों से सामने आ रहे हैं. भारद्वाज ने यहां दिल्ली सरकार के एक अस्पताल पहुंचने के बाद कहा कि शहर के सभी सरकारी विभागों को स्थिति पर लगातार नजर रखने का निर्देश दिया गया है. भारद्वाज ने कहा कि उफनती यमुना के कारण आई बाढ़ से पूर्वी दिल्ली और उत्तर पूर्वी दिल्ली बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई है. उन्होंने कहा, 'बाढ़ के बाद डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों के मामले बढ़ने का डर है. लेकिन फिलहाल यह प्रवृत्ति देखने को नहीं मिल रही है. आंखों में जलन और त्वचा पर एलर्जी के ज्यादातर मामले राहत शिविरों से सामने आ रहे हैं.'
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