यूपी (UP) में पुरानी पेंशन (Old Pension) जारी करने को लेकर एक बड़ा फैसला आया है. ये फैसला शिक्षक-कर्मचारियों के संदर्भ में आया है. प्रदेश में पुरानी पेंशन की बहाली के लिए 60 हजार शिक्षक-कर्मचारी आंदोलन कर रहे थे. अब उनकी ये मांग पूरी होने जा रही है. योगी सरकार की तरफ से शिक्षकों के सामने नई और पुरानी पेंशन में से एक चुनने का विकल्प प्रदान किया है. शिक्षकों की ओर से जो भी विकल्प चुना जाएगा, वो हमेशा के लिए आखिरी माना जाओगा. बाद में वो इसे नहीं बदल सकेंगे.
पुरानी पेंशन चुनने का विकल्प
इसको लेकर यूपी की योगी सरकार ने पिछले महीने एक मीटिंग की थी. 25 जून को ये मीटिंग हुई थी. इस मीटिंग में कैबिनेट की बैठक में पहले ही पुरानी पेंश को मंजूरी दे दी थी. इसको लेकर विज्ञापन भी जारी किया गया था. साथ ही 28 जून को इसे लेकर शासनादेश भी निकाला गया था. अब गुरुवार यानी कल वित्त विभाग की तरफ से इसका आदेश जारी कर दिया गया है. इस आदेश में शिक्षकों को ऑप्शन के तौर पर नई और पुरानी पेंशन दोनों विकल्प दिए गए हैं.
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पुरानी पेंशन बन चुकी एक बड़ी चुनावी मुद्दा
यूपी समेत देश की राजनीति में पुरानी पेंशन एक प्रमुख मुद्दा बनकर उभरा है. ये मुद्दा पिछले साल हुए निधानसभा चुनावों के दौरान भी कांग्रेस की तरफ से उठाया गया था. साथ ही कांग्रेस की तरफ से इसे अपने घोषणापत्र में शामिल किया गया था. साथ ही इसे छत्तीसगढ़ और राजस्थान में लागू करने का निर्णय भी लिया गया था. यूपी की बात करें तो पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान 2022 में इस मुद्दे को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उठाया था. इस साल हुए लोकसभा चुनाव के समय भी इंडिया ब्लॉक ने इसे अपने घोषणापत्र में शामिल किया था.
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