YSR Congress छोड़कर बेटी का साथ देंगी जगन मोहन रेड्डी की मां, जानिए क्या है रेड्डी परिवार का झगड़ा

नीलेश मिश्र | Updated:Jul 08, 2022, 02:11 PM IST

जगन मोहन रेड्डी की मां ने छोड़ दी पार्टी

YSR Congress Plenary: आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी की मां वाई एस विजयम्मा ने वाईएसआर कांग्रेस छोड़कर अपनी बेटी वाई. एस. शर्मिला का साथ देने के फैसला किया है.

डीएनए हिंदी: साल 2009 में वाई. एस. राजशेखर रेड्डी (Y S Rajasekhar Reddy) एक हेलिकॉप्टर क्रैश का शिकार हुए थे और उनकी जान चली गई थी. हादसे के वक्त वह कांग्रेस के नेता और अविभाजित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. राजशेखर रेड्डी की मौत के बाद उनके बेटे जगन मोहन रेड्डी (Jagan Mohan Reddy) और विजयम्मा (Y S Vijayamma) ने कांग्रेस से संपर्क साधा लेकिन कांग्रेस ने उनके परिवार से किसी को मुख्यमंत्री नहीं बनाया. इसी बात को लेकर जगन मोहन रेड्डी ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया. इस घटना के लगभग एक दशक बाद अब जगन मोहन रेड्डी की मां विजयम्मा ने अपने बेटे जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस (YSR Congress) छोड़कर अपनी बेटी के साथ जाने का फैसला बना लिया है. आपको बता दें कि जगन मोहन रेड्डी की बहन वाई एस शर्मिला (Y S Sharmila) ने भी अपने भाई से अलग राह पकड़ ली है और अपनी खुद की पार्टी बना ली है.

एक तरफ वाईएसआर कांग्रेस अपने पितामह यानी राजशेखर रेड्डी का जन्मदिन मना रही है. इस मौके पर पार्टी ने अपना दो दिन का अधिवेशन (YSR Congress Plenary) बुलाया है. कहा जा रहा है कि इस बैठक में जगन मोहन रेड्डी को वाईएसआर कांग्रेस का आजीवन अध्यक्ष बनाया जा सकता है. वैसे तो पार्टी अध्यक्ष के लिए चुनाव की औपचारिक प्रक्रिया भी होनी है लेकिन यह तय है कि जगन मोहन रेड्डी ही पार्टी के अध्यक्ष बने रहेंगे और अब उन्हें हमेशा के लिए पार्टी का अध्यक्ष बना दिया जाएगा.

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जगन मोहन रेड्डी की मां ने छोड़ दी YSR Congress
पार्टी के इस अधिवेशन से ठीक पहले जगन मोहन रेड्डी की मां विजयम्मा ने ही उन्हें झटका दे दिया है. वाईएसआर कांग्रेस की 'सम्मानित अध्यक्ष' के पद पर विराजमान विजयम्मा ने इस पद को छोड़ दिया है. अब वह अपनी बेटी वाई एस शर्मिला का साथ देंगी. आपको बता दें कि जगन मोहन रेड्डी की बहन शर्मिला ने साल 2021 में वाईएसआर कांग्रेस से अलग होकर अपनी पार्टी 'वाईएसआर तेलंगाना पार्टी' बना ली थी. उनका मुख्य ध्यान आंध्र प्रदेश के बजाय तेलंगाना पर है.

जगन मोहन रेड्डी की मां वाई एस विजयम्मा ने शुरुआत से ही अपने बेटे का साथ दिया. जब कांग्रेस ने रेड्डी परिवार से मुख्यमंत्री बनाने से इनकार कर दिया तो मां-बेटे ने कसम खा ली थी कि अब वे कांग्रेस से कोई नाता नहीं रखेंगे. जगन मोहन रेड्डी ने जमकर संघर्ष किया और वह जेल भी गए. साल 2012 में जब जगन मोहन रेड्डी जेल गए तो उनकी मां ने पार्टी की कमान संभाली और सड़क से लेकर कोर्ट तक बेटे की रिहाई के लिए जंग लड़ी.

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इस्तीफे पर बोलीं विजयम्मा- बेटी का साथ देना ही होगा
विजयम्मा ने YSR कांग्रेस से इस्तीफे का ऐलान करते हुए कहा कि वह हमेशा जगनमोहन रेड्डी के करीब रहेंगी. उन्होंने पार्टी के अधिवेशन में वाईएसआर कांग्रेस छोड़ने के अपने फैसले की घोषणा करते हुए कहा, 'एक मां के तौर पर मैं हमेशा जगन के करीब रहूंगी. शर्मिला अपने पिता के आदर्शों को आगे बढ़ाने के लिए तेलंगाना में अकेले लड़ाई लड़ रही हैं. मुझे उसका समर्थन करना होगा. मैं इस दुविधा में थी कि क्या मैं दो राजनीतिक दलों (दो राज्यों में) की सदस्य हो सकती हूं. वाईएसआर कांग्रेस के मानद अध्यक्ष पद पर बने रहना मेरे लिए मुश्किल है.' 

उन्होंने कहा, 'मैंने कभी सोचा नहीं था कि ऐसी स्थिति पैदा होगी. मुझे नहीं पता कि ऐसा क्यों हुआ लेकिन मुझे लगता है कि यह ईश्वर की मर्जी है.' विजयम्मा ने कहा कि वह अपनी भूमिका को लेकर किसी भी तरह के अवांछित विवाद से बचने के लिए वाईएसआर कांग्रेस के मानद अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रही हैं. गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से खबरें आ रही थीं कि जगनमोहन रेड्डी और उनकी बहन शर्मिला के बीच संपत्ति से जुड़े मुद्दों को लेकर सब कुछ ठीक नहीं है. खबरों के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों में दोनों के बीच कड़वाहट काफी बढ़ गई है और विजयम्मा अपने बेटे से अलग रह रही हैं.

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रेड्डी परिवार का झगड़ा क्या है?
दरअसल, राजशेखर रेड्डी और विजयम्मा को एक बेटा और एक बेटी हैं. बेटे का नाम है जगन मोहन रेड्डी जो कि वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और वर्तमान में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी हैं. बेटी का नाम है वाई एस शर्मिला. शर्मिला शुरुआत में तो जगन मोहन रेड्डी के साथ ही थीं लेकिन पार्टी में कोई खास महत्व न मिलता देख उन्होंने अपनी अलग पार्टी बना ली. उन्होंने आंध्र प्रदेश की राजनीति से भी दूरी बना ली और तेलंगाना में अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने लगीं. भाई-बहन का क्षेत्र अलग हो जाने की वजह से ही कभी इन दोनों की आमने-सामने की जंग की नौबत नहीं आई.

साल 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद वाई एस शर्मिला लगभग दो सालों तक राजनीति में सक्रिय नहीं थीं. 2021 के जुलाई महीने में शर्मिला ने ऐलान किया कि वह तेलंगाना में अपनी पार्टी बना रही हैं. पार्टी लॉन्च करते समय उनके पोस्टरों से जगन मोहन रेड्डी गायब थे. हालांकि, शर्मिला ने कहा कि जगन का आशीर्वाद उनके साथ है. इसके बावजूद, यह कहा जाता है कि शर्मिला के इस कदम से जगन मोहन रेड्डी खुश नहीं हैं.

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