4 साल बाद जब कोई युवा भारतीय सेना से बाहर निकलेगा तो उसे क्लास-12 का सर्टिफिकेट दिया जाएगा. शिक्षा मंत्रालय ने पहले ही कह चुका है कि वह कक्षा-10 पास अग्निवीरों के लिए कस्टमाइज्ड कोर्स तैयार करवाएगा ताकि उन्हें कक्षा-12 का सर्टिफिकेट दिया जा सके. इससे वह बाद में किसी भी कॉलेज में दाखिला ले सकते हैं. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (NIOS) भी डिफेंस अथॉरिटीज के साथ मिलकर एक स्पेशल प्रोग्राम की तैयारी कर रहा है. इसमें कस्टमाइज्ड कोर्सेज के जरिए उन्होंने क्लास-12 का सर्टिफिकेट दिया जाएगा. ये सर्टिफिकेट आगे रोजगार और उच्च शिक्षा दोनों के लिए मान्य होगा.
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आर्मी ने कहा है कि वह हर रोज जिम जैसी ट्रेनिंग देते हैं. 6 महीने बाद जब औपचारिक ट्रेनिंग पूरी हो जाएगी तब भी वह जॉब ट्रेनिंग देना जारी रखेंगे. अग्निवीरों को उच्च तकनीक के साथ काम करने का मौका मिलेगा. जब वह आर्मी से बाहर आएंगे तब वह एक अनुशासित व्यक्ति के तौर पर पहचाने जाएंगे.
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भारतीय सेना में 4 साल पूरे करने के बाद केंद्र सरकार की पैरामिल्ट्री फोर्स में अग्निवीरों को 10% आरक्षण दिया जाएगा. इसके अलावा असम राइफल्स की भर्तियों में भी अग्निवीरों को 10 पर्सेंट आरक्षण दिया जाएगा.
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केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs)में भी अग्निवीरों को वरीयता दी जाएगी.गृह मंत्रालय ने फैसला लिया है कि CAPF की भर्तियों के लिए अग्निवीरों को तय उम्र सीमा में तीन साल की छूट भी दी जाएगी. अग्निवीर के पहले बैच वाले जवानों के लिए अधिकतम उम्र के लिए मिलने वाली यह छूट पांच साल की होगी.'
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सेना में 4 साल के कार्यकाल के बाद अग्निवीरों को कोस्ट गार्ड सर्विसेज में भी 10% का आरक्षण मिलेगा. जरूरी पात्रता शर्तों को पूरा करने वाले अग्निवीरों को रक्षा मंत्रालय में नौकरी की रिक्तियों के 10% को आरक्षित किया गया है. यह 10% आरक्षण भारतीय तटरक्षक बल और रक्षा नागरिक पदों और सभी 16 रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में लागू किया जाएगा. यह आरक्षण भूतपूर्व सैनिकों के लिए मौजूदा आरक्षण के अतिरिक्त होगा.
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भारतीय सेना में 4 साल की सेवा के बाद यदि अग्निवीर अपना बिजनेस करना चाहते हैं तो उन्हें बैंक से ब्याज की दरों पर छूट के साथ लोन दिया जाएगा.