आगरा में बारिश और जलभराव से परेशान लोगों ने अपनी कॉलोनियों के नाम बदलकर 'कीचड़ नगर', 'नरक पुरी' और 'बदबू विहार' कर दिए हैं. इन लोगों का कहना है कि अब
भारी बारिश, जलभराव और बाढ़ जैसे हालात ने सबका हाल बुरा कर दिया है. राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई शहरों और राज्यों में पिछले एक हफ़्ते से बारिश हो रही है. बारिश के चलते उत्तर प्रदेश के आगरा के एक इलाके में जलभराव हो गया. जलभराव से नाराज लोगों ने विरोध का नया तरीका निकाला है. भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज दीपक चाहर के घर के पास ही हुए जलभराव के बाद लोगों ने इन इलाकों को नया नाम दे दिया है. इन इलाकों के बाहर 'नरक पुरी', 'कीचड़ नगर', 'दुगंध शील' और 'नाला सरोवर' जैसे नाम दिए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि तमाम शिकायतों के बाद कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
Agra Rains
उत्तर प्रदेश के आगरा में जलभराव से परेशान लोगों ने अब जिम्मेदार लोगों का ध्यान खींचने का नया तरीका खोज निकाला है. इन लोगों ने अपनी कॉलोनियों के नाम बदलकर नाला सरोवर, कीचड़ नगर और नरक पुरी रख दिया है. साथ ही लिखा है कि 'उपेक्षित नगरी में आपका हार्दिक स्वागत है'.
Deepak Chahar House
एक कॉलोनी में तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर दीपक चाहर का भी घर है. दीपक चाहर के घर के पास ही एक बोर्ड लगाकर इसे 'नाला सरोवर कॉलोनी' और 'नरक पुरी' बताया गया है.
Poor Road Water Logging
स्थानीय लोगों के मुताबिक, यहां की सड़कें इतनी खराब हैं कि उन पर चलना मुश्किल है. गड्ढे इतने हैं कि बारिश होती ही उनमें पानी भर जाता है और गाड़ी लेकर भी पार हो पाना नामुमकिन हो जाता है. यही वजह है कि इन इलाकों का नाम 'कीचड़ नगर' और 'दुगंध शील' रख दिया गया है.
Heavy Rain
बीते एक हफ्ते से उत्तर प्रदेश के कई जिलों समेत पूरे उत्तर भारत में बारिश हो रही है. उत्तर प्रदेश के कई जिलों में रेड और येलो अलर्ट भी जारी किया गया है. इन दिनों बारिश की वजह से पूरे देश के लोग परेशान हो गए हैं क्योंकि यह बारिश बिना किसी मौसम के अलग समय पर हो रही है.
House on Sale
इलाके के हालात से परेशान लोगों ने अपने घरों पर 'मकान बिकाऊ है' और 'रोड नहीं तो वोट नहीं, मिशन 2024' जैसे पोस्टर भी लगा दिए हैं. स्थानीय लोगों में यहां के नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ गुस्सा भरा हुआ है.
No Road No Vote
लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली. विधायकों, सांसदों और संबंधित विभागों में भी शिकायत की गई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. स्थानीय लोगों का कहना है, 'यहां के नेता सिर्फ़ वोट लेने आते हैं और उसके बाद एकदम से लापता हो जाते हैं.'