Atal Bihari Vajpayee Birth Anniversary: राजनीति के 'अटल' बने लेकिन कभी नहीं छोड़ी सहजता

आज भारत रत्न और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती है. राजनीति के भीष्म पितामह कहे जाने वाले अटल की जीवन यात्रा काफी दिलचस्प थी.

| Updated: Dec 25, 2021, 07:45 AM IST

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पूर्व प्रधानमंत्री को करीब से जानने वाले लोगों का कहना है कि उनके व्यक्तित्व में खास तरह की बाल सुलभता थी. वह बच्चों के साथ घुलना-मिलना खूब पसंद करते थे. साल 1993 में वाजपेयी भारतीय दल के साथ अमेरिका दौरे पर गए थे. उस दौरान उन्होंने डिज्नीलैंड देखने की इच्छा जाहिर की. बिना किसी तामझाम के लाइन में लगकर उन्होंने डिज्नीलैंड की टिकट खरीदी और बहुत सी राइड का भी आनंद लिया.

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अटल बिहारी वाजपेयी के व्यक्तित्व में खास तरह की आत्मीयता थी. वाजपेयी को ग्वालियर शहर बहुत पसंद था. वहां उन्होंने छात्र जीवन में काफी समय बिताया था. बड़े नेता बनने के बाद भी वाजपेयी ग्वालियर की सड़कों, बाजारों में पैदल घूमते थे. एक बार राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने उन्हें इसके लिए टोका भी था. हाजिरजवाब वाजपेयी ने कहा कि उन्हें अपने घर में घूमने के लिए गाड़ी की क्या जरूरत है.

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पूर्व पीएम और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की दोस्ती की मिसाल दी जाती है. एक बार दिल्ली में नयाबांस उपचुनाव हारने के बाद दोनों ही नेता निराश थे. ऐसे वक्त में वाजपेयी ने आडवाणी को फिल्म देखने के लिए चलने कहा. दोनों ने पहाड़गंज के एक थिएटर में राजकपूर की फिल्म देखी थी.

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वाजपेयी यूं तो उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे लेकिन उन्होंने राजनीति में रहते हुए देश भर की यात्राएं की. भारत में वाजपेयी को हिमाचल प्रदेश जाना बहुत पसंद था. वह अक्सर मौका मिलने पर हिमाचल जाया करते थे.

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भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का कविता प्रेम सब जानते हैं. वाजपेयी जीवन के हर पल को जीना जानते थे. उन्हें जानने वाले कहते हैं कि उन्हें खाने-पीने का बहुत शौक था. जिस भी शहर में जाते थे, वहां के मशहूर पकवान खाते थे. लखनऊ के कबाब और दिल्ली की आलू चाट तो उन्हें बहुत पसंद थी. मीठे के भी खूब शौकीन थे. रबड़ी और खीर खाना खूब पसंद करते थे.