बस्तर में किसानों को प्रशासन से मदद मिल रही है. इसका नतीजा यह हुआ है कि बस्तर के कई इलाकों में कॉफी की खेती ने जोर पकड़ा है. अब फसलें तैयार भी होने लगी हैं और बस्तर की खुद की कॉफी की बिक्री भी होने लगी है.
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बागवानी वैज्ञानिक डॉ. केपी बताते हैं कि साल 2017-18 में प्रयोग के लिए 20 एकड़ में कॉफी अरैबिका की चार किस्में और कॉफी रोबस्टा की इस किस्म की खेती की शुरुआत बस्तर में की गई थी.
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साल 2020-21 में कॉफी की पहली फसल तैयार हुई. इसके सैंपल जब कॉफी बोर्ड को भेजे गए तो उन्हें 6 से 6.4 की रेटिंग मिली जो कि काफी अच्छी है. इसके बाद साल 2021-22 में 100 एकड़ में कॉफी की खेती की गई. अब किसानों को भी इसका अच्छा फायदा मिल रहा है.
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बस्तर के कलेक्टर चंदन कुमार का कहना है, 'हमारे लिए हमेशा से सबसे बड़ी चुनौती यहां के लोगों को मुख्य धारा से जोड़ना और उनके लिए रोजगार सुनिश्चित करना रहा है ताकि वे प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ सकें. यहां की कॉफी बस्तर की नई पहचान बनेगी.'
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कलेक्टर चंदन कुमार का कहना है कि अब बस्तर में 350 एकड़ में कॉफी की फसल लगाई जा रही है. लोगों को कॉफी से जोड़ने और उसकी खुशबू और स्वाद से परिचित कराने के लिए 'बस्तर कैफे' शुरू किया गयाहै. लोगों को यह पसंद आ रहा है और यह तय है कि आने वाले समय में इसकी मांग बढ़ने वाली है.