Belly Landing : पेट के सहारे रनवे टच कराने की टेक्निक है 'बेली लैंडिंग', जानें कब कराई जाती है

तमिलनाडु के त्रिची से यूएई के शारजाह के लिए उड़ान भरने वाली एअर इंडिया की फ्लाइट में शुक्रवार शाम तकनीकी गड़बड़ी के कारण विमान आसमान करीब तीन घंटे उड़ता रहा. बाद में उसकी सेफ इमरजेंसी लैंडिंग करा ली गई.

मीना प्रजापति | Updated: Oct 11, 2024, 11:21 PM IST

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बेली लैंडिंग तब कराई जाती है जब इमरजेंसी वाली स्थिति हो. इसमें विमान बेली यानी अपने पेट के सहारे रनवे पर लैंड करता है. 

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बेली लैंडिंग में विमान अपने लैंडिंग गियर को पूरी तरह खोले बिना या आंशिक रूप से खोले बिना ही रनवे पर लैंड करता है. इसे 'गियर-अप लैंडिंग' भी कहा जाता है.

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बेली लैंडिंग तब कराई जाती है जब लैंडिंग गियर सिस्टम में कोई खराबी आ जाती है. इसमें विमान अपने निचले हिस्से या बेली या पेट के सहारे रनवे पर उतरता है. 

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बेली लैंडिंग के दौरान पायलट को बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है क्योंकि इस लैंडिंग से विमान के निचले हिस्से को नुकसान भी हो सकता है. 
 

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इस लैंडिंग में पायलट रनवे की लंबाई का पूरा इस्तेमाल करते हुए विमान को धीरे-धीरे बहुत ही सावधानी से लैंड कराता है.