Delhi में उन्हीं मरीजों के लिए जानलेवा बना Covid जिन्होंने नहीं लगवाई थी Vaccine!
कोरोना की तीसरी लहर के खिलाफ लड़ाई में भी वैक्सीनेशन ही सबसे प्रभावी उपाय रहा. जानिए कैसे.
| Updated: Jan 28, 2022, 07:34 AM IST
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दिल्ली सरकार की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 13 से 25 जनवरी के बीच कोविड-19 के कारण कुल 438 मरीजों की मौत हुई, जिनमें से 94 मरीज ऐसे थे, जिनकी मौत का प्रमुख कारण वायरस (Coronavirus) से संक्रमण था. ऐसे में उन्हीं मरीजों के लिए कोरोना ज्यादा खतरनाक है जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी है.
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आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान कोविड-19 के कारण जान गंवाने वालों में अधिकतर मरीज गुर्दे, कैंसर और फेफड़े संबंधी अन्य जानलेवा बीमारियों से पीड़ित थे. दिल्ली सरकार की द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक, एक जनवरी से 23 जनवरी के बीच 2,503 कुल सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग (genome sequencing) की गई, जिनमें से 79 प्रतिशत नमूनों में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट पाया गया.
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मुताबिक कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान कहर बरपाने वाले वायरस के डेल्टा वेरिएंट की पुष्टि 13.70 प्रतिशत सैंपल में हुई है. दिल्ली में अब कोविड मामलों में तेजी से गिरावट देखी जा रही है.
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दिल्ली में गुरुवार को कोविड-19 के 4291 नए मामले सामने आए थे और 34 और मरीजों की मौत हो गई थी. संक्रमण दर घटकर 9.56 प्रतिशत हो गई है. दिल्ली में संक्रमितों की कुल संख्या 18,15,288 और मृतक संख्या 25,744 हो गई है. एक दिन पहले कोविड-19 के लिए कुल 44,903 सैंपल की जांच की गई.
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दिल्ली में बुधवार को संक्रमण के 7498 मामले आए थे और 29 लोगों की मौत हुई थी तथा संक्रमण दर 10.59 प्रतिशत दर्ज की गई थी. दिल्ली में 13 जनवरी को सबसे ज्यादा 28,867 मामले आने के बाद रोजाना के मामलों में कमी आने लगी. महामारी की मौजूदा लहर के दौरान 14 जनवरी को संक्रमण दर 30.6 प्रतिशत पर पहुंच गई थी.