5 मौके जब PM Modi ने दी सांसदों को सीख

PM Modi ने बीजेपी संसदीय दल की बैठक में BJP सांसदों को सख्त नसीहत दी है. पहले भी कई मौकों पर पीएम अनुशासन और पाबंदी की सीख दे चुके हैं.

PM Modi ने BJP संसदीय दल की बैठक में सांसदों को संसद में उपस्थित रहने और विवादों से दूर रहने की नसीहत दी. यह कोई पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी ने इस तरह की सख्ती दिखाई. जानें ऐसे ही 5 सख्त संदेश जो पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से अपने ही दल के नेताओं को दिए गए...

2019 Lok Sabha Election के बाद भी सख्त संदेश

2019 Lok Sabha Election में मिली प्रचंड जीत के बाद भी उन्होंने ऐसी ही सख्ती दी थी. पीएम ने पार्टी के दो दिवसीय अभ्यास शिविर के समापन पर सांसदों को जीत के जश्न से दूर रहने की सलाह दी थी. साथ ही, 2024 के चुनावों के लिए तैयारी, सिफारिश और परिवारवाद से दूर रहने की ताकीद भी की थी. 

अनुशासनहीनता पर लगाई थी लताड़ 

पीएम मोदी ने 2019 में कैलाश विजवर्गीय के बिधायक बेटे के व्यवहार पर नाराजगी जताई थी. नगर निगम अधिकारी की पिटाई का वीडियो वायरल होने पर पीएम ने कहा था, 'किसी का भी बेटा हो, ऐसा व्यवहार स्वीकार नहीं किया जा सकता. पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए.'

पहले भी सत्र से गायब रहने वाले सांसदों की लगाई है क्लास

इससे पहले 2021 के मॉनसून सत्र में कम उपस्थिति वाले सांसदों पर पीएम नाराज हुए थे. उस वक्त भी उन्होंने सदन में कम उपस्थिति वाले सांसदों की लिस्ट मंगाई थी.

नेताओं के बिगड़े बोलों पर दी थी लगाम लगाने की सीख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Narendra Modi app लॉन्च के मौके पर भी बीजेपी नेताओं को सीख दी थी. पीएम ने नेताओं से विवादित बयान देने और मीडिया में दिखने की होड़ से बचने का निर्देश दिया था.

साध्वी प्रज्ञा के बयान पर जताया था दुख

प्रधानमंत्री मोदी ने भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर के नाथूराम गोडसे पर दिए विवादित बयान पर नाराजगी जताई थी. 2019 लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान गोडसे पर दिए बयान को लेकर पीएम काफी नाराज हुए थे. उस वक्त पीएम ने कहा था कि भले ही उन्होंने माफी मांग ली हो, लेकिन राष्ट्रपिता का अपमान करने के लिए उन्हें माफ नहीं कर पाएंगे.