नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली में शुरू हुई बाइक एंबुलेंस सर्विस, स्ट्रेचर और ऑक्सीजन सिलेंडर जैसे फीचर्स से है लैस

Bike Ambulance Service: महाराष्ट्र के गढ़चिरोली जिले के सुदूर गांवों के लिए बाइक एंबुलेंस सर्विस शुरू की गई है. इससे सैकड़ों गांवों को फायदा मिलेगा.

महाराष्ट्र का गढ़चिरोली जिला नक्सल प्रभावित जिलों में से एक है. यहां आए दिन नक्सली घटनाएं होती रहती हैं. इसके चलते कई इलाकों में सड़कों का निर्माण भी नहीं हो पाया है. साथ ही, कई इलाके ऐसे भी हैं जो शहरों से इतने दूर हैं कि वहां एंबुलेंस जैसी सेवाएं भी नहीं पहुंच पाती हैं. इन इलाकों के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए जिला प्रशासन की ओर के बाइक एंबुलेंस सेवा शुरू की गई है. इसमें बाइक के साथ ही एक स्ट्रेचर जोड़ा गया है जिसमें कई बेसिक सुविधाएं भी मौजूद हैं. जिला प्रशासन का मानना है कि इससे सुदूर बसे इलाकों में मेडिकल इमरजेंसी होने पर लोगों की जान बचाई जा सकेगी और उन्हें सुरक्षित अस्पताल तक पहुंचाया जा सकेगा.

Bike Ambulance Service

गढ़चिरोली में अस्पतालों से दूर बसे गावों के मरीजों के लिए शुरू की गई है बाइक एंबुलेंस सेवा. इसमें एक बाइक राइडर अकेले ही मरीज को गांव से अस्पताल तक ले जा सकता है.

122 Villages Benefited

इस प्रोजेक्ट का जिम्मेदारी इंटिग्रेटेड ट्राइबल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट ऑफिसर शुभम गुप्ता के कंधों पर है. उनका कहना है कि इस सर्विस से गढ़चिरोली जिले के लगभग 122 गांवों को फायदा होगा.

Monsoon Season Services

शुभम गुप्ता बताते हैं कि गढ़चिरोली के बहमरागढ़ में 122 गांव ऐसे हैं जो मॉनसून सीजन में शहरों से कट जाते हैं. इन इलाकों के लिए बाइक एंबुलेंस सेवा काफी कारगर होगी.

Backward Villages to get Benefit

प्रोजेक्ट ऑफिसर शुभम का कहना है कि ये सेवाएं उन गांवों के लिए शुरू की गई हैं जहां पक्की सड़कें नहीं हैं. उन गांवों तक बाइक एंबुलेंस पहुंचाने और मरीजों का ख्याल रखने की पूरी कोशिश की जा रही है.
 

ASHA Workers to Help

बहमरागढ़ के मेडिकल ऑफिसर डॉ. भूषण चौधरी बताते हैं कि उन गांवों में एंबुलेंस सेवा देने की कोशिश है जो एकदम कटे हुए और सुदूर है. हमने बाइक एंबुलेंस के लिए ऐसे ड्राइवर तैनात किए हैं जो आशा वर्कर्स के साथ काम कर रहे हैं.

Features of Bike Ambulance

इस बाइक एंबुलेंस में एक स्ट्रेचर लगाया गया है जो कवर हो जाता है. इसके साथ ही, फर्स्ट एड बॉक्स, बेसिक दवाइयां और कुछ मशीनें भी जोड़ी गई हैं. साथ ही, एक ऑक्सीजन सिलेंडर भी जोड़ा गया है ताकि इमरजेंसी की स्थिति में मरीज की सांस न टूटने पाए.