Haryana Assembly Election Result 2024: हरियाणा की 10 बड़ी सीटों पर किसने मारी बाजी, किसे मिली मात, जानें रिजल्ट

Haryana Assembly Election Result 2024: हरियाणा में विधानसभा चुनाव की मतगणना के बाद परिणाम सभी के सामने है. सभी एग्जिट पोल्स ध्वस्त करते हुए भाजपा ने 48 सीट जीतकर तीसरी बार सरकार बनाने का दावा ठोकते हुए इतिहास रचा है. राज्य की कुछ सीटों के रिजल्ट पर सभी की निगाह टिकी थीं. इन हॉट सीट्स के रिजल्ट के बा

कुलदीप पंवार | Updated: Oct 08, 2024, 09:13 PM IST

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लाडवा विधानसभा सीट राज्य में सबसे वीआईपी थी. कारण था इस सीट पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का खुद उतरना. नायब सिंह सैनी (NAYAB SINGH Saini) ने इस सीट पर 16054 वोट के अंतर से जीत हासिल की है. सैनी को 70177 वोट मिले, जबकि दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के मेवा सिंह को 54123 वोट से संतोष करना पड़ा है.

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महिला पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) लगातार चर्चा में चल रही थीं. पिछले एक साल से सड़कों पर भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन हो या पेरिस ओलंपिक में फाइनल में पहुंचकर भी विवादित तरीके से पदक से चूकना. विनेश इन सब कारणों से हर किसी के साथ भावनात्मक तौर पर जुड़ गई थीं. ऐसे में कांग्रेस ने विनेश को जुलाना सीट से टिकट दिया  तो यह सीट भी वीआईपी बन गई. विनेश ने करीबी टक्कर में 6015 वोट से जीत हासिल की है. उन्हें 65080 वोट मिले, जबकि भाजपा के योगेश कुमार 59065 वोट के साथ दूसरे नंबर पर रहे. AAP के टिकट पर उतरी WWE पहलवान कविता दलाल को महज 1280 वोट ही मिल पाए.

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जेजेपी प्रमुख व पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला उचाना कलां विधानसभा सीट से उतरे थे, जहां उनका सामना महान किसान नेता सर छोटूराम के पड़पोते बृजेंद्र सिंह से था. बृजेंद्र सिंह भाजपा के टिकट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में हिसार सीट पर पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल के पोते दुष्यंत को हरा चुके थे. बृजेंद्र सिंह उचाना सीट पर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे. इन दोनों के बीच टक्कर में बाजी भाजपा के देवेंद्र चतुर्भुज अत्री मार ले गए. देवेंद्र ने महज 32 वोट से इस सीट पर जीत हासिल की, जबकि दुष्यंत चौटाला 7950 वोट पर सिमटकर अपनी जमानत भी जब्त करा बैठे हैं. देवेंद्र को 48968 वोट और दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह को 48936 वोट हासिल हुए हैं.

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रेवाड़ी विधानसभा सीट पर कांग्रेस नेता कैप्टन अजय सिंह यादव के बेटे और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दामाद चिरंजीव राव की साख दांव पर थी. भाजपा ने इस सीट पर कोसली के विधायक लक्ष्मण यादव को टिकट दिया था. साल 2009 में इस सीट पर अजय सिंह खुद जीत चुके थे, जबकि 2019 में चिरंजीव राव ने महज 1500 वोट से बाजी मारी थी. इस बार भी उनके चमत्कार करने की उम्मीद थी, लेकिन लक्ष्मण यादव ने उन्हें 28769 वोट के अंतर से ढेर कर दिया है. लक्ष्मण यादव को 83747 वोट मिले, जबकि चिरंजीव 54978 वोट ही बटोर सके हैं.

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एयर होस्टेस सुसाइड केस से बरी होने के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि पूर्व मंत्री गोपाल कांडा का जादू सिरसा सीट पर बरकरार रहेगा. लेकिन साल 2019 में कांग्रेस के गोकुल सेतिया को 602 वोट से हराने वाले कांडा इस बार खुद 7234 वोट से हार गए हैं. गोकुल सेतिया को 79020 वोट मिले हैं, जबकि कांडा 71786 वोट ही हासिल कर सके हैं.

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अंबाला कैंट सीट भी बेहद खास थी, जहां पूर्व गृह मंत्री और छह बार के विधायक अनिल विज भाजपा की तरफ से दावा ठोक रहे थे. खुद को मुख्यमंत्री पद की होड़ में बताने वाले विज ने 7277 वोट के साथ जीत हासिल की है. विज को 59858 वोट मिले हैं, जबकि कांग्रेस के परविंदर परी को पीछे छोड़कर कांग्रेस की बागी चित्रा सरवारा निर्दलीय लड़ते हुए भी 52,581 वोट के साथ दूसरे नंबर पर रही हैं. परी को महज 14469 वोट मिले हैं.

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अहीरवाल क्षेत्र की अटेली सीट केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के लिए नाक का सवाल थी. इस सीट से उन्होंने तमाम भाजपा नेताओं की नाराजगी मोल लेते हुए अपनी बेटी आरती राव को टिकट दिलाया था. पूर्व इंटरनेशनल शूटर आरती ने सीधा 10/10 शॉट मारते हुए 3085 वोट से जीत हासिल की है. आरती को 57737 वोट मिले, जबकि बहुजन समाज पार्टी के अतर लाल 54652 वोट के साथ 2019 की तरह इस बार भी दूसरे नंबर पर ही रह गए.

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आदमपुर सीट को पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के परिवार की पैतृक संपत्ति माना जाता रहा है, जहां पिछले 56 साल से यही परिवार जीतता रहा है. इस बार यहां से भाजपा ने भजलाल के पोते और मौजूदा विधायक भव्य बिश्नोई को टिकट दिया था. भव्य बिश्नोई को कांग्रेस के चंद्रप्रकाश ने 1268 वोट से हरा दिया है. चंद्रप्रकाश को 65371 वोट मिले, जबकि भव्य को 64103 वोट मिले हैं.

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चौटाला परिवार में फूट के बाद इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) की कमान अभय सिंह चौटाला के हाथ में आई थी. अभय चौटाला ने बसपा से गठबंधन करके चुनाव में पार्टी के ओवरऑल परफॉर्मेंस को 2019 के मुकाबले सुधारा, लेकिन खुद अपनी सीट नहीं बचा पाए. ऐलनाबाद सीट पर अभय चौटाला को कांग्रेस के भरत सिंह बेनीवाल ने 15,000 से ज्यादा वोट से शिकस्त दी है. बेनीवाल को 77865, जबकि चौटाला को 62865 वोट मिले हैं.

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तोशाम विधानसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के परिवार के बीच 'फैमिली फाइट' पर सबकी निगाह थीं. इस फैमिली फाइट में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आईं सांसद किरण चौधरी की बेटी व पूर्व सांसद श्रुति चौधरी ने बाजी मार ली है. भाजपा के टिकट पर उतरीं श्रुति चौधरी ने 14257 वोट के अंतर से जीत हासिल की हैं. श्रुति ने 76414 वोट हासिल किए, जबकि उनके सामने कांग्रेस के टिकट पर उतरे उनके ताऊ के बेटे अनिरुद्ध चौधरी को 62157 वोट मिली हैं.