महाराष्ट्र के मराठवाड़ा इलाके से ताल्लुक रखने वाले अंसार शेख सूखा प्रभावित जालना जिले में पले-बढ़े. उनके पिता ऑटो ड्राइवर थे और शराब पीने की बुरी लत से परेशान थे. इस वजह से अंसार को बचपन में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
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अंसार के इस गरीब परिवार में पढ़ाई को उतनी अहमियत नहीं दी जाती थी. उनकी बहनों की शादी तभी हो गई, जब वे सिर्फ 15 साल की थीं. उनके भाई को भी स्कूल छोड़ना पड़ा और मकैनिक की दुकान पर काम करना पड़ा, जिससे वह अपने परिवार की मदद कर सकें. भाई की मेहनत और त्याग की वजह से ही अंसार यहां तक पहुंच सके.
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अंसार बताते हैं कि पुणे में पढ़ाई के दौरान पीजी ढूंढते समय उन्हें बड़ी मुश्किल हो रही थी. इस वजह से उन्हें पहचान छुपानी पड़ी. वहां उन्होंने अपना नाम शुभम बताया, तब जाकर उन्हें पीजी मिला. अंसार शेख गर्व से कहते हैं कि अब उन्हें अपनी पहचान छिपानी नहीं पड़ती.
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गरीब परिवार से आने वाले जी तोड़ मेहनत की. लगभग तीन साल तक उन्होंने हर दिन 10 से 12 घंटे की पढ़ाई की. साल 2016 में उन्होंने UPSC की परीक्षा पास की. उस साल उनकी ऑल इंडिया रैंक 361 थी.
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IAS बनने का ख्वाब देखने वाले युवाओं को अंसार शेख सलाह देते हैं कि आपको खुद से सवाल करना चाहिए कि आप क्यों इस सिस्टम में जाना चाहते हैं. आप खुद से कॉम्पटीशन करिए. मेहनत और लगन से हर सफलता हासिल की जा सकती है.