Yasin Malik को उम्रकैद, कश्मीर में इंटरनेट बंद, मैसूमा में पत्थरबाजी

Yasin Malik News: NIA कोर्ट ने यासिन मलिक को दो मामलों में उम्र कैद की सजा के अलावा एक मामले में 10 साल की सजा सुनाई है.

NIA अदालत ने बुधवार को आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई. अदालत ने यासीन मलिक पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत विभिन्न अपराधों के लिए अलग-अलग अवधि की सजा सुनाईं. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. यासीन  मलिक को दो अपराधों - आईपीसी की धारा 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना) और यूएपीए की धारा 17 (यूएपीए) (आतंकवादी गतिविधियों के लिए राशि जुटाना)- के लिए दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई गई. अदालत ने मलिक पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.    

PAGD बोला- सजा मिलना दुर्भाग्यपूर्ण

गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (PAGD) ने यासीन मलिक को आजीवन कारावास की सजा सुनाया जाना “दुर्भाग्यपूर्ण” है और इससे शांति के प्रयासों को “धक्का” लगा है. पीएजीडी के प्रवक्ता एम. वाई. तारिगामी ने एक बयान में कहा कि अदालत के फैसले से अलगाववादी भावनाओं में और इजाफा होगा.  तारिगामी ने कहा, "यासीन मलिक को आजीवन कारावास की सजा देना दुर्भाग्यपूर्ण है और शांति के प्रयासों को धक्का है. हमें डर है कि इससे क्षेत्र में अनिश्चितता और बढ़ेगी तथा अलगाववादी भावनाएं और बढ़ेंगी."
 

फैसले से पहले श्रीनगर के कुछ हिस्से रहे बंद

आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में दोषी ठहराए गए अलगाववादी नेता यासीन मलिक की सजा पर अदालत का फैसला आने से पहले श्रीनगर के कुछ हिस्से बुधवार को बंद रहे. अधिकारियों ने बताया कि लाल चौक की कुछ दुकानों सहित मैसूमा और आसपास के इलाकों में ज्यादातर दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे. अधिकारियों ने बताया कि पुराने शहर के कुछ इलाकों में भी दुकानें बंद रहीं, लेकिन सार्वजनिक परिवहन सामान्य रहा. उन्होंने बताया कि कानून-व्यवस्था की किसी भी प्रकार की समस्या से बचने के लिए शहर में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है.

अदालत के फैसले के बाद मैसूमा में झड़प

श्रीनगर शहर के मैसूमा इलाके में JKLF अध्यक्ष यासीन मलिक के समर्थकों एवं सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुईं. अधिकारियों ने बताया कि लाल चौक से कुछ ही दूरी पर स्थित मैसूमा में मलिक के आवास के बाहर बड़ी संख्या में महिलाओं समेत लोग जमा हो गए. उन्होंने अलगाववादी नेता के समर्थन में नारेबाजी की और इलाके में विरोध मार्च निकाला. अधिकारियों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने मैसूमा चौक की तरफ बढ़ने का प्रयास किया और सुरक्षा बलों के साथ उनकी झड़प हो गई. कुछ प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंके। बाद में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसूगैस के गोले छोड़े.

मोबाइल इंटरनेट सेवा निलंबित

यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद कश्मीर में एहतियातन मोबाइल इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई है. अधिकारियों ने कहा कि घाटी में सभी नेटवर्क सेवा प्रदाताओं की मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है. हालांकि, अधिकारियों के अनुसार फाइबर और ब्रॉडबैंड समेत फिक्स्ड लाइन पर इंटरनेट सेवाएं चालू हैं.

यासीन मलिक पर क्या आरोप?

यासीन मलिक पर 1989 में तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण मामले में भी सुनवाई का सामना कर रहा है. इसके अलावा वर्ष 1990 में JKLF आतंकियों द्वारा श्रीनगर में वायुसेना कर्मियों पर हमले का मामला भी चल रहा है. इस हमले में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे. मलिक ने ताला पार्टी का गठन करने के बाद 1980 के दशक में बहुत कम उम्र में ही राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों की शुरुआत की. यह पार्टी श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में भारत और वेस्टइंडीज के बीच 1983 के क्रिकेट मैच को बाधित करने के प्रयास में शामिल थी. पार्टी ने 11 फरवरी 1984 को तिहाड़ जेल में जेकेएलएफ संस्थापक मोहम्मद मकबूल भट को फांसी देने के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था.