32 साल देश की सेवा करने के बाद रिटायर हुए INS अक्षय और INS निशंक, देखें PHOTOS

लगभग 32 साल तक इंडियन नेवी के लिए काम करने के बाद INS अक्षय और INS निशंक शनिवार को डिकमीशन हो गए.

भारतीय नौसेना के लिए 1990 से काम कर रहे INS अक्षय और INS निशंक अब डिकमीशन कर दिए गए हैं. यानी ये दोनों ही युद्धपोत अब नौसेना के लिए काम नहीं करेंगे. 32 साल के इस सफर में दोनों जहाजों ने कई अहम ऑपरेशन में देश का साथ दिया. कागरिल युद्ध और संसद पर हमले के बाद भी इन जहाजों ने अहम भूमिका निभाई थी.

पारंपरिक कार्यक्रम में हुई विदाई

मुंबई के नवल डॉकयार्ड में INS अक्षय और INS निशंक को डिकमीशन करने का यह कार्यक्रम आयोजित किया गया. नेवी के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में इन दोनों युद्धपोतों से देश के तिरंगे झंडे और नेवी के झंडे को आखिरी बार उतारा गया.

32 साल तक की देश की रक्षा

मुंबई में आयोजित एक समारोह में इन दोनों युद्धपोतों को डिकमीशन किया गया यानी ये दोनों जहाज नेवी से रिटायर हो गए. नेवी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, इन दोनों जहाजों ने भारतीय नेवी के लिए 32 साल तक सेवा दी. 

कारगिल युद्ध के समय दिखाया था जलवा

इन जंगी जहाजों ने कारगिल युद्ध के समय ऑपरेशन तलवार और साल 2001 में संसद पर हमले के बाद ऑपरेशन पराक्रम में भी अहम भूमिका निभाई थी. इन युद्धपोतों पर लगा मिसाइल सिस्टम इन्हें बेहद खास बनाता है.

सर्जिकल स्ट्राइक के समय भी निभाई अहम भूमिका

INS अक्षय को 1990 में कमीशन किया गया था. यह युद्धपोत 23वें गस्ती पोत के जत्थे का हिस्सा था. इसका मुख्य काम पनडुब्बी विरोधी मिशन करना और समुद्री तटों की निगरानी करना था. सर्जिकल स्ट्राइक के समय भी इस युद्धपोत ने अहम भूमिका निभाई.

मिसाइलों और मशीन गन से लैस थे ये युद्धपोत

INS निशंक को 12 सितंबर 1989 में नेवी में कमिशन किया गया था. इसकी लंबाई 184 फीट है. यह 59 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से समुद्र में चल सकता था. इस जहाज पर 16 KH-35 उरान मिसाइलें लगी थीं, इसके अलावा 4P-15 टर्मिट मिसाइलें भी लगी थीं. मिसाइलों के अलावा, 30MM की दो MK-630 मशीन गन भी लगी थी.