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INS Vikrant का चौथा समुद्री ट्रायल पूरा, दहलेंगे चीन-पाकिस्तान, नौसेना ने जारी की तस्वीरें, देखें

INS Vikrant भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर है. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारतीय नौसेना के जंगी बेड़े में इसे शामिल किया जाएगा.

भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत का चौथा समुद्री ट्रायल पूरा हो गया है. नौसेना ने विक्रांत की तस्वीरें जारी कर दी हैं. INS Vikant को अगले महीने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारतीय नौसेना के जंगी बेड़े शामिल किया जा सकता है. दुश्मनों के लिए खौफ पैदा करने वाला यह एयरक्राफ्टर कैरियर (Indigenous Aircraft Carrier) समुद्री सीमाओं की हिफाजत करेगा.

1.INS विक्रांत पर Mig-29 का फाइटर जेट

INS विक्रांत पर Mig-29 का फाइटर जेट
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भारतीय नौसेना ने इन ट्रायल की तस्वीरें जारी की हैं जिसमें पहली बार मिग-29-के फाइटर जेट, एएलएच और कामोव हेलीकॉप्टर विक्रांत के डेक पर खड़े नजर आ रहे हैं.
 



2.किसने तैयार किया है INS विक्रांत?

किसने तैयार किया है INS विक्रांत?
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भारतीय नौसेना के डायरेक्टोरेट ऑफ नेवल डिजाइन (DNA) ने इसे तैयार किया है. विक्रांत को राज्य के स्वामित्व वाली कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) में बनाया गया है.
 



3.हर क्षेत्र में दिखेगा भारत का दम

हर क्षेत्र में दिखेगा भारत का दम
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INS विक्रांत के शामिल होने से भारतीय नौसेना की ताकत और मजबूत हो जाएगी. भारत अब दुनिया के उन देशों में शुमार है जिसके पास एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने की क्षमता है.
 



4.इन खूबियों से लैस है INS विक्रांत

इन खूबियों से लैस है INS विक्रांत
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रिपोर्ट्स के मुताबिक विक्रांत में इतनी बिजली पैदा होती है कि एक शहर की जरूरत पूरी की जा सकती है. इसमें 15 मंजिलें हैं जिसमें 40 तक एयरक्राफ्ट रखे जा सकते हैं.
 



5.कितने जहाज हो सकते हैं तैनात?

कितने जहाज हो सकते हैं तैनात?
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विक्रांत के डेक पर मिग-29 या तेजस फाइटर एयरक्राफ्ट के अलावा सीकिंग, चेतक, कामोव या रोमियो हेलीकॉप्टर काम कर सकते हैं. इतने जहाजों को कंट्रोल करने वाला फ्लाइट कंटोल डेक यानि फ्लाइको इस विराट शिप का दिल है.



6....अब डरेगा चीन

...अब डरेगा चीन
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समुद्र में इस जंगी जहाज के होने की वजह से भारत को मजबूत बढ़त मिलने वाली है. चीन के पास 60 से ज्यादा सबमरीन हैं लेकिन एयरक्राफ्ट कैरियर के मामले में वह एक अरसे से भारत से पीछे रहा है. एक बार फिर भारत की बढ़ती ताकत चीन के लिए चुनौती बनने जा रही है.



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