International Women's Day: राष्ट्रपति ने दिया नारी शक्ति सम्मान, जानें आकाश बराबर उपलब्धियों की कहानी
इंटरनेशनल वीमेंस डे के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अलग-अलग क्षेत्रों में उल्लेखनीय काम करने वाली महिलाओं को आज नारी शक्ति सम्मान से नवाजा है.
| Updated: Mar 08, 2022, 08:40 PM IST
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केरल की टिफनी बरार खुद दृष्टिहीन हैं लेकिन उन्होंने अपने जैसे दिव्यांगों की जिंदगी को नई रोशनी दी है. उन्होंने ज्योतिर्गमय फाउंडेशन और एक मोबाइल ब्लाइंड स्कूल की शुरुआत केरल में की है. उन्होंने 200 से ज्यादा दृष्टिहीन लोगों को ब्रेल, कंप्यूटर और दूसरी स्किल की ट्रेनिंग दी है.
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ऊषाबेन दिनेशभाई वासवा को ऑर्गेनिक खेती के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए यह सम्मान दिया गया है. उन्होंने गुजरात में 500 महिलाओं को जमीन का पट्टा दिलाने के लिए काम किया है. बतौर आदिवासी कार्यकर्ता वह महिला किसानों को खाद इस्तेमाल, तकनीक आधारित खेती की ट्रेनिंग देती हैं.
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संध्या धर ने जम्मू इंस्टिट्यूट ऑफ जनरल एजुकेशन एंड रीहैबिलिटेशन की स्थापनी की थी. अपनी संस्था के जरिए वह दिव्यांगों और गरीब तबके के बच्चों को शिक्षा और ट्रेनिंग देने का काम करती है.
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नारी शक्ति सम्मान इंटेल की कंट्री हेड (भारत) निवृति राय को भी दिया गया है. राय ने सेमीकंडक्टर चिप बनाई जिससे बैटरी की खपत काफी कम हो गई है. साथ ही, रूरल कनेक्टिविटी के जरिए कम पैसे में हाई स्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्शन सुविधा देने का काम किया है.
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वनीता जगदेव बोराडे को महाराष्ट्र में वन्यजीव संरक्षण खास तौर पर सांपों को बचाने के लिए नारी शक्ति सम्मान दिया गया है. वनीता अब तक 50 हजार से ज्यादा सांपों का संरक्षण कर चुकी हैं.