छात्रों का ये प्रदर्शन पटना से शुरू हुआ था और धीरे-धीरे ये प्रोटेस्ट उग्र रूप लेता दिखाई दे रहा है. बता दें कि छात्रों का कहना है आरआरबी एनटीपीसी की परीक्षा में धांधली की गई है और वो इसी से नाराज हैं. इस आंदोलन के तहत पटना, मुजफ्फरपुर, नालंदा, गया समेत कई जिलों में उग्र प्रदर्शन किया गया. इस दौरान ट्रेनें रोकने के साथ-साथ कई बोगियों में आग लगाने का काम भी किया गया था.
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उग्र प्रदर्शन मामले में छात्रों को भड़काने के आरोप में खान सर समेत छह शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज हो गई. हालांकि, खान सर ने सफाई देते हुए कहा है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया बल्कि वो तो प्रदर्शन कर रहे छात्रों को समझाने की कोशिश कर रहे थे. खान सर ने इसके लिए RRB के सेकेंड फैसले जिम्मेदार ठहराया है.
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इस प्रदर्शन की शुरुआत राजेंद्र नगर टर्मिनल से हुई था. उस दौरन हंगामे में केवल एनटीपीसी वाले छात्र थे लेकिन बाद में रेलवे के एक बयान के बाद हंमागा बढ़ गया. बता दें कि 25 जनवरी को रेलवे की ओर से चेतावनी दी गई रेल मंत्रालय की ओर से जारी नोटिस में साफ कहा गया कि हंगामा करने वाले अभ्यर्थियों को रेलवे के किसी पद पर जिंदगी भर नौकरी नहीं दी जाएगी. जिसके बाद छात्रों का प्रदर्शन उग्र होता चला गया.
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प्रदर्शन और छात्रों के हंगामे के बीच रेल मंत्रालय ने 26 जनवरी को होने वाली गैर-तकनीकी श्रेणियों और रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड की लेवल 1 की परीक्षाओं पर रोक लगा दी थी. इस पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन भी किया गया है जो 4 मार्च तक अपनी रिपोर्ट जमा करेगी.
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बताया जा रहा है कि इस जांच कमेटी में RRB-NTPC के सफल और असफल छात्रों के वॉलंटियर्स भी रहेंगे और छात्र 16 फरवरी तक अपनी शिकायत (rrbcommittee@railnet.gov.in) पर रेलवे को भेज सकते हैं.