देश के करोड़ों गरीबों को घर देने के पीएम मोदी के लक्ष्य को पूरा करने के लिए लाइट हाउस प्रोजेक्ट शुरू किया गया है, ताकि कम लागत में ज्यादा लोगों को घर दिया जा सके. अभी अगरतला, रांची, लखनऊ, इंदौर, राजकोट और चेन्नई में इस प्रोजेक्ट के तहत घर बनाए जा रहे हैं.
2
इन घरों को बनाने के लिए हाई-एंड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है. इनमें 3D कंस्ट्रक्शन सिस्टम की मदद ली जाती है. इसके अलावा, स्टील फ्रीम टेक्नोलजी और विदेशी तकनीकीों का भी जमकर इस्तेमाल किया जाता है. देश के अलग-अलग हिस्सों में बनाए जा रहे लाइट हाउस प्रोजेक्ट के लिए न्यूजीलैंड, कनाडा, जर्मनी और फिनलैंड की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है.
3
इन मकानों को हल्का और मजबूत बनाया जाता है. इसके लिए तकनीकी का इस्तेमाल ऐसा किया जाता है कि फैक्ट्री में बीम कॉलम और पैनल तैयार किए जाते हैं और फिर इन्हें फैक्ट्री से उस जगह पर लाया जाता है. इस तरह निर्माण किए जाने की वजह से निर्माण की अवधि और लागत काफी कम हो जाती है. पूरा खर्च काफी कम हो जातै है. इन घरों की मजबूती इतनी होती है कि ये भूकंप के झटके भी झेल सकते हैं.
4
शहरी आवास योजना के तहत दिए जाने वाले ये फ्लैट काफी सस्ते और मजबूत हैं. इन फ्लैट का कारपेट एरिया 34.50 वर्ग मीटर है. इसमें 14 मंजिला टावर बनाए जाते हैं. इनकी कीमत 12.59 लाख रुपये होती है और इसमें केंद्र व राज्य सरकार की ओर से 7.83 लाख रुपये अनुदान के रूप में दिए जाते हैं. बाकी के 4.76 लाख रुपये लाभार्थियों को देने होते हैं. अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किए जाने की वजह से ये घर काफी मजबूत होते हैं.
5
इतनी बड़ी आबादी वाले देश भारत में अभी भी करोड़ों लोग बेघर हैं. आर्थिक रूप से कमजोर होने की वजह से ये लोग सिर पर छत के लिए सरकार के ही भरोसे होते हैं. इन्हीं लोगों को घर देने के लिए पीएम मोदी ने लाइट हाउस प्रोजेक्ट शुरू किया है. शहरी आवास योजना के तहत मोदी सरकार का यह लक्ष्य है कि शहरी गरीबों को पक्के मकान दिलाए जा सकें और उनके जीवन स्तर में सुधार लाया जा सके.