Lok Sabha Elections 2024: पश्चिम बंगाल ने वोटिंग के साथ चुनावी हिंसा में भी बनाया रिकॉर्ड, तस्वीरों में देखें कैसे धधका प्रदेश
लोकसभा चुनाव 2024 में कुल सात चरणों में वोटिंग हुई है. 543 लोकसभा सीटों के लिए सभी उम्मीदवारों की किस्मत अब ईवीएम में कैद है. हालांकि, इस दौरान चुनाव में भारी हिंसा भी देखने को मिली.
पहले चरण में वोटिंग के दौरान पुलिस ने भाजपा विधायक शिखा चटर्जी के काफिले को डाबग्राम-फुलबाड़ी में प्रवेश करने से रोक दिया था. इसके बाद जलपाईगुड़ी, कूचबिहार और अलीपुरद्वार निर्वाचन क्षेत्रों में हिंसा भड़की थी.
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दूसरे चरण में बीजेपी और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच बालुरघाट में झड़प हुई थी. बीजेपी नेता सुकांत मजूमदार ने दावा किया कि एक पोलिंग बूथ पर टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने हिंसा भड़काने की कोशिश की थी. भाजपा ने टीएमसी पर तपन विधानसभा के बूथ नंबर 100 पर कब्जा करने की कोशिश के आरोप लगाए थे.
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तीसरे चरण में मुर्शिदाबाद और जंगीपुर के कई क्षेत्रों में भाजपा, टीएमसी और कांग्रेस की आपस में भिड़ंत हुई थी. चार निर्वाचन क्षेत्रों में हिंसा की घटनाएं दर्ज की गई.
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कूचबिहार में TMC ने आरोप लगाया था कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनके दफ्तर पर क्रूड बम फेंके, जिससे एक टीएमसी कार्यकर्ता की मौत हो गई थी. इसके बाद पूरे इलाके में हिंसा भड़क गई और पुलिस और सेंट्रल फोर्स को तैनात करना पड़ा था.
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पांचवे चरण में भी पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों से हिंसा की घटनाएं हुई थीं. भाजपा ने टीएमसी पर गुंडागर्दी फैलाने का आरोप लगाया था. बीजेपी के केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान टीएमसी पर बैरकपुर से बीजेपी प्रत्याशी के साथ मारपीट का आरोप भी लगाया था.
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छठे चरण में भी बंगाल में हिंसा की खबरें कई इलाकों से आईं. नंदीग्राम में दो गुटों के बीच मारपीट और पथराव के बाद तनाव काफी बढ़ गया था. सिंगूर समेत दूसरे इलाकों में भी इस दौरान हिंसा और आगजनी की कुछ घटनाएं हुईं.
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लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में पश्चिम बंगाल में 9 सीटों पर चुनाव थे, जिसमें चर्चित संदेशखाली भी शामिल था. इस फेज में हिंसा की कई घटनाएं हुईं और संदेशखाली में तो एक गुट ने ईवीएम को तालाब में फेंक दिया. हालांकि, चुनाव आयोग ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि यह घटना वोटिंग शुरू होने से पहले हुई थी.