प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बुधवार को बताया, "पूरे प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर अवैध रूप से लगाए गए लाउडस्पीकर उतारने और वैध लाउडस्पीकर की आवाज कम करने के सिलसिले में एक अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत बुधवार दोपहर तक 6,031 लाउडस्पीकर हटाए गए हैं और 29,674 ध्वनि विस्तारक यंत्रों की आवाज अनुमन्य सीमा तक कम की गई है."
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कार्रवाई के बारे में आगे बताते हुए, प्रशांत कुमार ने कहा, "जो लाउडस्पीकर हटाए जा रहे हैं वे अनधिकृत हैं. वे लाउडस्पीकर जो जिला प्रशासन से उचित अनुमति के बिना लगाए गए हैं या जिन्हें अनुमति संख्या से अधिक लगाया गया हैं, उन्हें ‘अनधिकृत’ श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है.'' उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकरों के संबंध में उच्च न्यायालय के आदेशों को भी ध्यान में रखा जा रहा हैं.
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यूपी के गृह विभाग ने 'अवैध' रूप से लगाए गए लाउडस्पीकर को हटाने की कार्रवाई की स्थिति रिपोर्ट आगामी 30 अप्रैल को मांगी है. पुलिस विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, सबसे ज्यादा 1,366 लाउडस्पीकर वाराणसी जोन से उतारे गए हैं. इसके अलावा मेरठ जोन में 1,215, बरेली जोन में 1,070 और कानपुर जोन में 'अवैध' रूप से लगाए गए 1,056 लाउडस्पीकर हटाए गए हैं.
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पुलिस ने बताया कि जहां तक वैध लाउड स्पीकर की आवाज कम करने का सवाल है तो इस मामले में राजधानी लखनऊ अव्वल है जहां करीब 6,400 लाउडस्पीकर की आवाज धीमी की गई है. इसके अलावा बरेली जोन में 6,257 और मेरठ जोन में 5,976 लाउडस्पीकर की आवाज सीमित की गई है.
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अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि लाउडस्पीकर हटाने का काम बिना किसी भेदभाव के किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि राजधानी लखनऊ में धार्मिक स्थलों पर 'अवैध' रूप से लगाए गए 433 लाउडस्पीकर हटाए गए हैं.
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पुलिस उपायुक्त पश्चिमी सोमेन बर्मा ने बताया, "अवैध लाउडस्पीकर हटाने का सिलसिला मंगलवार को शुरू किया गया था और यह अब भी जारी है. हम विभिन्न धर्मगुरुओं से तथा शांति समितियों के सदस्यों के साथ तालमेल कर इस मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं. अभी तक हमें किसी भी तरह के विरोध का सामना नहीं करना पड़ा है."