Ratan Tata: कौन हैं शांतनु, जिनपर जान छिड़कते थे रतन टाटा

शांतनु नायडू ने अपने गुरु रतन टाटा को श्रद्धांजलि देते हुए एक भावुक पोस्ट लिखा है, इसमें उन्होंने कहा है कि 'उनकी दोस्ती ने मेरे अंदर जो खालीपन छोड़ा है, उसे पूरी ज़िंदगी भरने की कोशिश करूंगा. दुख प्यार के लिए चुकाई जाने वाली कीमत है. गुडबाय माई डियर लाइटहाउस.' आइए जानते हैं कौन हैं शांतनु?

आदित्य प्रकाश | Updated: Oct 10, 2024, 12:34 PM IST

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शांतनु नायडू की बात करें तो वो टाटा ट्रस्ट के सबसे युवा जनरल मैनेजर हैं. उन्होंने 2022 में रतन टाटा को जॉइन किया था. नायडू की पहचान उस समय बनी, जब उन्होंने समाजसेवा का कार्य शुरू किया था. उन्होंने सड़कों पर भटक रहे कुत्तों के रख-रखाव के लिए रिफ्लेक्टिव कॉलर डिजाइन किया था. आपको बता दें कि इस कैंपेन की शुरुआत रतन टाटा के ही पहल पर की गई थी, वो खुद भी एक एनिमल लवर थे.

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रतन टाटा और शांतनु की दोस्ती महज कारोबारी नहीं थी, बल्कि ये व्यक्तिगत भी थी. दोनों की ही साथ घूमते हुए, मस्ती करते हुए कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की जाती थी. रतन टाटा शांतनु को खूब मानते थे, शांतनु भी उनका खूब सम्मान करते थे. 

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शांतनु की ओर से एक स्टार्टअप की भी शुरुआत की गई, जिसका नाम Goodfellows था. इस स्टार्टअप के तहत बुजुर्गों का ख्याव रखा जाता है. खास बात ये रही कि इस स्टार्ट अप में रतन टाटा की तरफ से इन्वेस्ट किया गया था.

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रतन टाटा को शांतनु क उद्यमशीलता और समाजसेवा में पूरा यकीन था, उन्हें विश्वास था कि शांतनु मेहनती और होशियार है. वो अपने प्रोजेक्ट्स को जरूर कामयाब बनाएंगे.

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रतन टाटा ने शांतनु को अपने करीबी सर्कल में एंट्री दिलाई. शांतनु को वो अपने बेटे की तरह प्यार करते थे. शांतनु रतन टाटा का पूरा ख्याल रखते थे. पूरे वक्त उनका ख्याल रखते थे. रातन टाटा के साथ उनकी ट्यूनिंग प्रशंसकों को बेहद पसंद थी.