मोढेरा में स्थित यह सूर्य मंदिर स्थापत्य कला का शानदार उदाहरण है. इसे बनाने के लिए कहीं पर भी चूने का इस्तेमाल नहीं हुआ है. इसे सोलंकी वंश के राजा भीमदेव प्रथम ने साल 1026 ई. में दो बनवाया था. इस मंदिर के संभा मंडप में कुल 52 पिलर्स हैं. इन सभी पिलर्स पर देवी-देवताओं के चित्र और रामायण-महाभारत के प्रसंगों को दिखाया गया है.
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मोढेरा गांव की इस उपलब्धि के मौके पर पूरे मंदिर को लाइटों से सजाया गया है. इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है. अब यहां पर लाइट एंड साउंड शो होगा. पीएम मोदी रविवार को इसकी शुरुआत करेंगे. वह मोढेरा में ही कुलदेवी मोढेश्वरी माता के मंदिर जाकर दर्शन भी करेंगे.
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गुजरात के मेहसाणा जिले का मोढेरा गांव देश का पहला सोलर विलेज है. यह 24 घंटे सिर्फ़ सौर ऊर्जा से चलने में सक्षम बन गया है. इसे पीएम नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है. यही वजह है कि जब से इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ है, खुद पीएम मोदी इसके बारे में अपडेट लेते रहते हैं.
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मोढेरा गांव में एक सोलर एनर्जी प्लांट लगाया गया है. आम लोगों के घरों, सरकारी इमारतों और अन्य खाली जगहों पर 1,300 से ज्यादा सोलर पैनल लगाए गए हैं. ये सभी पैनल बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम की मदद से जुड़े हुए हैं. इनके एकसाथ जुड़ने की वजह से ही इतने बड़े स्तर पर बिजली पैदा की जा सकती है.
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इस गांव में सोलर ऊर्जा से इतनी बिजली बनती है कि मोढेरा के साथ-साथ सुजानपुर और समलानापरा के 1383 गांवों को भी बिजली की सप्लाई की जाती है. इस गांव में सोलर से चलने वाले इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन भी बनाए गए हैं. गांव के हर घर की छत पर कम से कम एक किलोवाट क्षमता वाले सोलर प्लेट्स लगाए गए हैं. इस प्रोजेक्ट को तैयार करने में गुजरात और केंद्र सरकार ने मिलकर 80.66 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.
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मोढेरा सूर्य मंदिर पर जो लाइट और साउंड शो शुरू किया जा रहा है, उसके लिए भी बिजली का इंतजाम सोलर प्लांट से ही होगा. पीएम मोदी मेहसाणा में ही डेयरी पाउडर प्लांट समेत कई योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे. इसके अलावा, वह कई जनसभाओं को भी संबोधित करेंगे. मेहसाणा के बाद वह बहुराची भी जाएंगे.