Mulayam Singh Yadav Death: टीचर से किंगमेकर तक, मुलायम सिंह यादव ने समाजवाद के विस्तार में निभाई अहम भूमिका

Mulayam Singh Yadav का निधन सोमवार सुबह हुआ वे पिछले काफी वक्त से बीमार चल रहे थे.

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 10, 2022, 11:04 AM IST

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मेदांता में भर्ती मुलायम सिंह यादव का इलाज कर रहे डा. यतिन मेहता के अनुसार, उनकी हालत 9 अक्टूबर से लगातार गंभीर ही बनी हुई थी. वह 2 अक्टूबर से ही लाइफ सपोर्ट सिस्टम यानी वेंटिलेटर पर थे. उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत आ रही थी. इसके साथ-साथ उनकी किडनी भी सामान्य तौर पर काम नहीं कर रही थी। इन्हीं सब वजहों से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था.

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उनका इलाज कर रहे डाक्टरों का कहना था कि मुलायम सिंह की हालत 2 अक्टूबर से लगातार गंभीर बनी हुई थी. सांस लेने में दिक्कत जारी थी, इसके साथ ही उन पर दवाई का भी असर नहीं हो रहा था. किडनी की समस्या भी बढ़ गई थी. 

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मुलायम सिंह केंद्र की गठबंधन वाली सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. उन्होंने 1996 से 1998 तक देश के रक्षामंत्री का कार्यभार संभाला था. 

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आपको बता दें कि राजनीति से पहले मुलायम कुश्ती लड़ते थे.  वे एग्जाम छोड़कर कुश्ती लड़ने चले जाते थे. साल  1960 में जब मुलायम कॉलेज में पढ़ते थे, तब कवि सम्मेलन के मंच पर दरोगा को एक युवा ने चित कर दिया. 
 

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मुलायम कुछ दिन तक मैनपुरी के करहल में जैन इंटर कॉलेज में प्राध्यापक भी रहे. पांच भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर मुलायम सिंह की दो शादियां हुईं. पहली पत्नी मालती देवी का निधन मई 2003 में हो गया था. अखि‍लेश यादव मुलायम की पहली पत्नी के ही बेटे हैं और उनकी पत्नी साधना गुप्ता का निधन हाल ही में हुआ था. 
 

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मुलायम सिंह ने 55 साल तक राजनीति की. मुलायम सिंह 1967 में 28 साल की उम्र में जसवंतनगर से पहली बार विधायक बने जबकि उनके परिवार का कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं था. 5 दिसंबर 1989 को मुलायम पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने.

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वे तीन बार उत्तर प्रदेश के CM रहे. उन्होंने केंद्र में देवगौड़ा और गुजराल सरकार में रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाली. नेताजी के नाम से मशहूर मुलायम सिंह सात बार लोकसभा सांसद और नौ बार विधायक चुने गए.

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मुलायम सिंह यादव ने 4 अक्टूबर 1992 को लखनऊ में समाजवादी पार्टी बनाने का ऐलान किया था. मुलायम सपा के अध्यक्ष, जनेश्वर मिश्र उपाध्यक्ष, कपिल देव सिंह और मोहम्मद आजम खान पार्टी के महामंत्री बने. मोहन सिंह को प्रवक्ता नियुक्त किया गया.   

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समाजवादी पार्टी बनने के बाद 4 और 5 नवंबर को बेगम हजरत महल पार्क में उन्होंने पार्टी का पहला राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया. इसके बाद नेताजी की पार्टी ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में स्थायी मुकाम बना लिया.

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मुलायम सिंह अपनी निजी जिंदगी और साधना गुप्ता से अपने रिश्ते को लेकर भी विवादों में रहे. इस वजह से उनके और अखिलेश यादव के बीच दूरियां भी बढ़ीं. फरवरी 2007 में सुप्रीम कोर्ट में मुलायम ने साधना गुप्ता से अपने रिश्ते कबूल किए तो लोगों को उनकी दूसरी पत्नी के बारे में पता चला.साधना गुप्ता से मुलायम के बेटे प्रतीक यादव हैं.