Omicron Update: देश में कुल मामले 1431, महाराष्ट्र-दिल्ली के बाद तमिलनाडु में सबसे ज्यादा

उत्तर प्रदेश में अब तक 8 और हरियाणा में 37 ओमिक्रॉन केस दर्ज किए जा चुके हैं.

| Updated: Jan 01, 2022, 11:03 AM IST

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एक शोध में सामने आया है कि ओमिक्रोन किसी प्लास्टिक की चीज पर 8 घंटे तक और त्वचा पर 21 घंटे तक जीवित रह सकता है. अध्ययन के अनुसार कोरोना वायरस के इससे पहले के वेरिएंट अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा इतने लंबे समय तक मानव शरीर पर जिंदा नहीं रह पाते थे.

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गोवा, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, मणिपुर और पंजाब में फिलहाल ओमिक्रॉन का सिर्फ एक ही मामला है. वहीं जम्मू-कश्मीर और अंडमान-निकोबार में क्रमशः 3 और 2 मामले दर्ज हो चुके हैं.

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि ओमिक्रॉन के 1,270 मरीजों में से 374 मरीज रिकवर हो गए हैं.  वहीं एम्स प्रमुख रणदीप गुलेरिया का कहना है कि ओमिक्रॉन से घबराने की जरूरत नहीं है. इससे माइल्ड लक्षण होते हैं. ज्यादातर मामलों में होम आइसोलेशन कारगर है और मरीज घर पर रहकर ही ठीक हो सकते हैं.

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अभी इसे प्री-प्रिंट पर पोस्ट किया गया है और इसकी पूर्ण समीक्षा नहीं हुई है. इस अध्ययन में ओमिक्रोन का SARS-CoV-2 के वुहान स्ट्रेन और अन्य चिंताजनक वेरिएंट्स के साथ पर्यावरणीय स्थिरता में अंतर का विश्लेषण किया गया है.

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ओमिक्रॉन से पीड़ित व्यक्ति को सांस फूलने या सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या नहीं होती है. डेल्टा वेरिेएंट का प्रमुख लक्षण ही है सांस फूलना या सांस लेने में तकलीफ होना. शोध के मुताबिक ये वेरिएंट आपके गले को प्रभावित करता है, फेफड़ों पर उतना असर नहीं करता. इससे पीड़ित व्यक्ति को बुखार, सिर दर्द, जुकाम और खांसी की समस्या होती है.