संसद नई, पंरपराएं पुरानी, कैसे देश को मिला लोकतंत्र का नया मंदिर? तस्वीरों में देखें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया है. देश को लोकतंत्र का नया मंदिर मिला है. 

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 28, 2023, 10:30 AM IST

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार सुबह नए संसद भवन का उद्घाटन किया. पारंपरिक परिधान में प्रधानमंत्री मोदी द्वार संख्या-एक से संसद परिसर के भीतर आए और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनका स्वागत किया. 
 

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प्रधानमंत्री ने नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर ईश्वर का आशीर्वाद लेने के लिए कर्नाटक के श्रृंगेरी मठ के पुजारियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच ‘गणपति होमम्’ अनुष्ठान किया. 
 

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प्रधानमंत्री ने सेंगोल को दंडवत प्रणाम किया और हाथ में पवित्र राजदंड लेकर तमिलनाडु के विभिन्न अधीनमों के पुजारियों का आशीर्वाद लिया. इसके बाद नादस्वरम् की धुनों के बीच प्रधानमंत्री मोदी सेंगोल को नए संसद भवन लेकर गए और इसे लोकसभा कक्ष में अध्यक्ष के आसन के दाईं ओर एक विशेष स्थान में स्थापित किया. 
 

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सेंगल शब्द, संस्कृत के संकु से बना है, जिसका अर्थ शंख है. इसे संप्रभुता का प्रतीक माना जाता है. यह धातुओं से बना एक दंड होता था, जिसे राजकीय आयोजनों में राजा अपने साथ रखते थे. मौर्य, गुप्त से लेकर चोल और विजयनगर साम्राज्य तक में इस राजदंड का इस्तेमाल हुआ है. मुगल साम्राज्य में भी अकबर ने सेंगोल राजदंड का इस्तेमाल किया था. इसे नए संसद भवन में स्थापित किया गया है.

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केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, एस. जयशंकर और जितेंद्र सिंह, कई राज्यों के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा मौजूद रहे. प्रधानमंत्री मोदी ने नए संसद भवन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कुछ कर्मचारियों को भी सम्मानित किया.