Yogi-Akhilesh के बीच विधानसभा में जुबानी जंग, खूब चला आरोपों और तानों का दौर
UP Vidhan Sabha News: उत्तर प्रदेश की विधानसभा में मंगलवार का दिन खासा हंगामेदार रहा है. सीएम और नेता प्रतिपक्ष के बीच खूब तंज भरे तीर चले.
डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 24, 2022, 11:05 PM IST
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा, 'प्रदेश में महिला अपराध को नियंत्रित करने में सरकार नाकाम साबित हुई है. सरकार नई बनी है लेकिन सदन के नेता पुराने हैं. जो सरकार जीरो टॉलरेंस की बात कर रही है उसके राज मेंमहिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. गोरखपुर में बेटी के साथ दुष्कर्म हुआ, सिद्धार्थनगर में महिला को पुलिस ने मार दिया. सरकार क्या कर रही है? क्या थाने ऐसे अराजकता का केंद्र बन जाएंगे?'
अखिलेश यादव आज योगी सरकार को घेरने के लिए पूरी तैयारी के साथ आए थे. जिस वक्त सदन में ओमप्रकाश राजभर अपने ऊपर हुए हमले का मुद्दा उठा रहे थे, अखिलेश भी उठ खड़े हुए और सरकार को घेरने लगे थे. उन्होंने बीजेपी को जीत का ताना भी दिया. अखिलेश ने कहा, 'जीत का घमंड नहीं होना चाहिए. मुझे भी पता है कैसे जीते हैं लोग. अगर दिल्ली के लोग ना आए होते तो जमानत जब्त हो गयी होती. आप जीतकर आए, हमने भी बधाई दी लेकिन लोकतंत्र में हार-जीत नहीं जनता की जीत मायने रखती है.'
प्रदेश में अपराध का मुद्दा उठाने पर सीएम योगी आदित्यनाथ भी पलटवार करने से नहीं चूके और नेता प्रतिपक्ष को उनके पिता का पुराना बयान ही याद दिलाने लगे. सीएम ने कहा, 'यहां अपराधियों के बारे में ये नहीं कहा जाता कि 'लड़के हैं गलती कर देते हैं. नेता प्रतिपक्ष ये जानते हैं और स्वीकार करते हैं कि कार्रवाई हुई है. गुंडागर्दी जिनका पेशा बन चुका था. उन पर कार्रवाई हुई. बेहतर कानून व्यवस्था पर ही जनता ने दोबारा सरकार बनाई है. आधी आबादी के समर्थन को मैं सेल्यूट करता हूं.'
अखिलेश पर तंज कसते हुए योगी ने कहा कुछ लोग कानून व्यवस्था पर उंगली उठा रहे थे. ऐसे लोगों को जनता ने किसी लायक नहीं छोड़ा है. उन्होंने ये भी कहा कि 2017 में जब हमारी सरकार आयी तो आजमगढ़ में जहरीली शराब कांड हुआ था. उसमें साफ तौर पर सपा नेताओं के खिलाफ सबूत सामने आए थे. योगी ने कहा कि उन लोगों का नाम लेंगे तो तकलीफ होगी. इस पर अखिलेश ने कहा कि 2017 के बाद वालों के नाम भी लिए जाने चाहिए.
यह पहला मौका है जब सीएम योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव एक साथ विधानसभा पहुंचे हैं. 2022 विधानसभा चुनाव में दोनों नेताओं ने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा और जीतकर पहुंचे हैं. 2017 के चुनावों में बीजेपी की सरकार बनी थी लेकिन योगी विधान परिषद के सदस्य थे. हालांकि, उम्मीद है कि 2027 तक दोनों नेताओं के बीच ऐसे जोरदार जुबानी जंग आगे भी होती रहेंगी.
चुनाव प्रचार और विधानसभा में होने वाली तकरारों से अलग दोनों नेता सार्वजनिक मुलाकातों में एक-दूसरे के साथ बहुत विनम्रता से पेश आते हैं. विधानसभा में पहले दिन दोनों ने एक-दूसरे से बातचीत की थी और बधाई दी थी. 2019 लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अखिलेश यादव ने खुद ट्वीट कर प्लेन में सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ लंच की तस्वीर साझा की थी.